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मारवाड़ी बाईपास पर चिह्नीकरण शुरू

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: बीआरओ ने बहुचर्चित हेलंग मारवाड़ी बाईपास ¨सगल लेन पर कार्य शुरू क

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 03:00 AM (IST)
मारवाड़ी बाईपास पर चिह्नीकरण शुरू
मारवाड़ी बाईपास पर चिह्नीकरण शुरू

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: बीआरओ ने बहुचर्चित हेलंग मारवाड़ी बाईपास ¨सगल लेन पर कार्य शुरू कर दिया है। प्रथम चरण में इस बाईपास निर्माण में आने वाली भूमि को चिह्नित करने का काम किया गया।

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सीमा सड़क संगठन की 75 सड़क निर्माण इकाई के कमान अधिकारी मेजर प्रशांत चंद्र सरकार के नेतृत्व में हेलंग मारवाड़ी निर्माणाधीन बाईपास पर ¨सगल लेन 5.5 मीटर पर निशान लगाए गए। इस दौरान, अधिकारियों ने बाईपास निर्माण में आने वाली भूमि का चिह्नीकरण कार्य शुरू कर दिया है। बीआरओ के कमान अधिकारी मेजर प्रशांत चंद्र सरकार ने कहा कि दो दिनों के अंतर्गत सड़क के चिह्नीकरण का काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि चिह्नीकरण के बाद सड़क निर्माण का कार्य तत्काल शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा हेलंग जोशीमठ मारवाड़ी मुख्य मार्ग पर भी आठ मीटर हाईवे चौड़ीकरण का कार्य प्रस्तावित है, जिसका चिह्नीकरण भी शुरू कर दिया है। बीआरओ के आला अधिकारी जोशीमठ बाईपास पर वनवे की स्वीकृति के अनुसार ही कार्य आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि वनवे सिस्टम से मामले का समाधान कर दिया गया है। ऐसे में विवाद नहीं किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि हेलंग से मारवाड़ी तक छह किलोमीटर के इस बाईपास को पहले 12 मीटर बनना था। लेकिन अब वनवे के रूप में इसकी चौड़ाई कम कर 5.5 मीटर दी गई है। मारवाड़ी बाईपास के विरोध में 21 जनवरी से क्रमिक अनशन

जोशीमठ: ऑलवेदर रोड मारवाड़ी बाईपास को लेकर जोशीमठ के नागरिकों में भारी रोष है। इस मसले पर जोशीमठ के नागरिकों ने अब 21 जनवरी से क्रमिक अनशन करने का निर्णय लिया है। जोशीमठ में आयोजित नागरिकों की बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र ¨सह पंवार ने कहा कि धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक महत्व के शहर जोशीमठ का मारवाड़ी बाईपास जाने से अस्तित्व खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस महत्वपूर्ण परियोजना से जोशीमठ को अलग-थलग करने का प्रयास कर रही है, जो गलत है। उन्होंने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दे रही है, वहीं सड़क नीती बार्डर से जोड़ने के बजाय माणापास की ओर ले जा रही है, जबकि नीति बार्डर में बाड़ाहोती से चीन दर्जनों बार घुसपैठ कर रहा है। व्यापार मंडल अध्यक्ष नैन ¨सह भंडारी ने कहा कि प्राचीन काल से भगवान नृ¨सह के बाद भगवान बदरीनाथ की दर्शनों की परंपरा रही है। कहा कि बाईपास निर्माण के विरोध में आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने कहा कि अनिमठ में वृद्ध बद्री के दर्शन करते हुए भगवान नृ¨सह की दर्शनों की प्राचीन परंपरा रही है। यहां पर आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, सहित पूजा परंपरा संपादित होती है।


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