पहाड़ में बर्फ की सफेद चादर से ढ़के कई गांव, बढ़ी ठंड
पहाड़ में शुक्रवार रात और शनिवार सुबह भारी बर्फबारी से कई गांव बर्फ की सफेद चादर से ढ़क गए। कई गांवों में तो बिजली आपूर्ति और संचार सेवा भी ठप हो गई है।
जागरण टीम, गढ़वाल: पहाड़ में शुक्रवार रात और शनिवार सुबह भारी बर्फबारी से कई गांव बर्फ की सफेद चादर से ढ़क गए। कई गांवों में तो बिजली आपूर्ति और संचार सेवा भी ठप हो गई है। बर्फबारी के कारण गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग शनिवार दोपहर तक बंद रहा, जिसे खोलने में सीमा सड़क संगठन के कर्मचारी जुटे रहे।
उत्तरकाशी: सीमांत क्षेत्र में शुक्रवार देर रात को बारिश और बर्फबारी शुरू हुई। गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा गांव निवासी राजेश सेमवाल ने कहा कि हर्षिल घाटी में यह चौथी बर्फबारी है। मुखवा गांव में आधा फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है। इसके अलावा दयारा बुग्याल, डोडीताल, हरकीदून, केदारकांठा में भी करीब एक फीट बर्फ गिरी है। हर्षिल घाटी के मुखवा, धराली, हर्षिल, बगोरी, सुक्की, झाला, जसपुर, पुराली, यमुना घाटी के खरसाली, जानकी चट्टी, मोरी ब्लाक के सांकरी ओसला, गंगाड़, ढाटमीटर, लिवाड़ी फिताड़ी, सेवा, बरी आदि गांव भी बर्फ की चादर से ढक गए। वहीं शनिवार की शाम को कुछ मौसम खुला तो राहत मिली। बारिश और बर्फबारी के कारण जनपद के तापमान में भारी गिरावट आयी। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय का बर्फबारी को देखते हुए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जीवन रेख से जुड़े विभागों और आपदा प्रबंधन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।
रुद्रप्रयाग: केदारनाथ में दूसरे दिन भी बर्फबारी हुई और दो फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है। जबकि तुंगनाथ, चोपता, पवालीकांठा, समेत ऊंचाई वाले स्थानों पर भी जोरदार बर्फबारी हुई। ऊखीमठ-चोपता-गोपेश्वर मोटरमार्ग बर्फबारी के कारण अवरुद्ध हो गया। वहीं शनिवार को पूरे दिन जनपद के निचले इलाकों में पूरे दिन बारिश होती रही, जिससे ठंड का प्रकोप काफी बढ़ गया है। लोग अपने घरों में ही दुबके रहे, रुद्रप्रयाग, तिलबाड़ा, अगस्त्यमुनि समेत छोटे-छोटे कस्बों में सन्नाटा पसरा रहा। वाहनों की संख्या भी सड़कों पर काफी कम रही।
गोपेश्वर : चमोली जिले में शनिवार को दिनभर बर्फबारी व बारिश का दौर चलता रहा। बारिश व बर्फबारी से कड़ाके की ठंड ने जोर पकड़ लिया है। जिले में 20 से अधिक गांवों में बर्फ पड़ी है। गांवों में इस सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। इसके अलावा बदरीनाथ, हेमकुंड, तुंगनाथ, चोपता सहित पाणा ईराणी, वाण, रामणी सहित कई गांवों में भी बर्फबारी हुई है। निचले स्थानों में बारिश होने से भी ठंड बढ़ी है। यहां के निवासी घरों में रहकर अलाव जलाकर ठंड से निजात पा रहे हैं।
कर्णप्रयाग: विकासखंड देवाल के ऊंचाई वाले स्थानों रूपकुंड, वेदनी, आली, बगजी बुग्याल सहित वांण, घेस, हिमनी, बलाण, कुलिंग, लोहाजंग, सोरीगाड, झलिया कुंवारी आदि गांवों में बर्फबारी से ठंड बढ़ गई है, वहीं निचले क्षेत्रों में भी झमाझम बारिश से तापमान में गिरावट आई है। नई टिहरी: शनिवार सुबह को हुई बारिश के साथ ही जिले की ऊंचाई वाली पहाड़ियों पर बर्फबारी होने से जिला मुख्यालय सहित आस-पास का क्षेत्र कड़ाके की सर्दी की आगोश में आ गया है। जिला मुख्यालय व घनसाली में सुबह को बिजली बार-बार गुल होती रही, जिससे शहरियों को परेशानी हुई। नागटिब्बा, सुरकंडा तथा जौनपुर की पहाड़ियों पर बर्फबारी हुई, जिससे नगरवासी ठिठुरने को मजबूर हो गए। कोटद्वार: कोटद्वार क्षेत्र में सुबह करीब पांच बजे से शुरू हुई बारिश रुक-रुक कर करीब नौ बजे तक चलती रही। बारिश के बाद सर्द हवाओं ने क्षेत्रवासियों को ठिठुरन का एहसास करवाया। नैनीडांडा, थलीसैण व वीरोंखाल प्रखंड के ऊंचाई वाले स्थानों में ग्रामीण रात्रि में बर्फबारी की आशंका जता रहे हैं।
इधर, कोटद्वार क्षेत्र में हल्की बारिश ने ही नगर निगम की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी। नगर निगम की ओर से सड़क किनारे नालियों की सफाई नहीं की जाती, जिस कारण हल्की बारिश में ही नालियों में पड़ी गंदगी सड़क में फैल गई। व्यापारियों ने किसी तरह नालियां को खोल सड़क में फैली गंदगी को साफ किया।
खेती के लिए बारिश उपयोगी
कर्णप्रयाग: सितंबर के बाद ठंड के मौसम में हुई पहली बारिश को क्षेत्रीय काश्तकारों ने फसलों के लिए लाभप्रद बताया है। तीन माह से क्षेत्र में बारिश न होने से किसान टकटकी लगाए थे। किसान बृजमोहन, मोहन सिह, कमल राम, बलवंत नेगी ने बारिश को खेती के लिए उपयोगी बताया।