भंवरे के रूप में मायके आई मां नंदा, जयकारे
संवाद सूत्र बदरीनाथ ब्रह्मकमल से भरी कंडी में भंवरे के रूप में बैठकर मां नंदा देवी नीलकंठ
संवाद सूत्र, बदरीनाथ: ब्रह्मकमल से भरी कंडी में भंवरे के रूप में बैठकर मां नंदा देवी नीलकंठ पर्वत से भू-बैकुंठ धाम बदरीनाथ के बामणी गांव में तीन दिवसीय प्रवास पर पहुंची। मां का आशीर्वाद लेने के लिए स्थानीय लोगों के साथ यात्री भी बामणी गांव में मां नंदा की पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
ब्रह्ममुहूर्त में नीलकंठ की तलहटी पर मां नंदा को बुलाने के लिए दोनों फुलारियों ने पहले ऋषि गंगा में स्नान किया। फिर मां का आह्वान किया। इसके बाद ब्रह्मकमल के फूलों से दोनों कंडियों को सजाया गया। च्यूं ही ब्रह्मकमल से कंडियों को भरा गया, वैसे ही भंवरे के रूप में एक कंडी में बैठकर मां नंदा अपने मायके बामणी गांव के लिए रवाना हुई। कंडी जैसे ही चरणपादुका क्षेत्र में पहुंची वैसे ही मां के जयकारों के साथ ही पूरी बदरीपुरी भक्ति सागर में डूब गई। दिनभर चरण पादुका क्षेत्र में विश्राम करने बाद शाम को मां नंदा फुलारियों के संग अपने मायके बामणी गांव पहुंची।
श्रद्धालुओं ने मां नंदा का ढोल दमाऊं के साथ स्वागत किया। मां के स्वागत के लिए विशेष प्रकार से बनाई गई जलेबी और पकौड़ी का भोग लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। दूसरी ओर, दशोली विकासखंड के दोगड़ी कांडई गांव में भी नंदा देवी कौथिग के तहत फुलारी रुद्रनाथ हिमालय की पहाड़ियों से ब्रहमकमल लेकर गांव में पहुंचे। यहां पर मां नंदा की पूजा-अर्चना के लिए सैकड़ों श्रद्धालु जुटे रहे। गांव में शनिवार को नंदा देवी मेले का आयोजन किया जाएगा। इस मेले का साक्षी बनने के लिए धियाणियों के अलावा दूरदराज से भी नंदा भक्तों ने गांव में डेरा डाला हुआ है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य महानंद बिष्ट ने बताया कि गांव में प्रत्येक वर्ष नंदा देवी मेले का आयोजन होता है। इस बार मेले को भव्य स्वरूप दिया है।