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बढ़ रहा पेयजल का संकट, हैंडपंप भी सूखे

बढ़ते तापमान के चलते ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में बढ़ते जलसंकट से निजात को लेकर उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग कार्यालय में गुरुवार को जल संस्थान व जल निगम अधिकारियों की बैठक हुई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 10:17 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 10:17 PM (IST)
बढ़ रहा पेयजल का संकट, हैंडपंप भी सूखे
बढ़ रहा पेयजल का संकट, हैंडपंप भी सूखे

संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: बढ़ते तापमान के चलते ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में बढ़ते जलसंकट से निजात को लेकर उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग कार्यालय में गुरुवार को जल संस्थान व जल निगम अधिकारियों की बैठक हुई। इस मौके पर एसडीएम ने पानी संकट के निदान को जल संस्थान से टैंकरों से होने वाली आपूर्ति, टैंकरों की क्षमता, सफाई व जल निगम से नई पेयजल योजनाओं की जानकारी मांगी।

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जलसंस्थान के अवर अभियंता मनमोहन राणा ने जानकारी दी कि वर्तमान में नगर क्षेत्र कर्णप्रयाग की 10 हजार से अधिक आबादी को कालेश्वर लिफ्ट, घटगाड़, चट्टवापीपल योजनाओं से आपूर्ति की जा रही है, लेकिन देवतोली सहित कर्णमंदिर परिसर में चट्टवापीपल योजना से होने वाली पेयजल आपूर्ति आलॅवेदर कटिग के चलते योजना टूट जाने से रबर के पाइप लगाकर आपूर्ति बीते तीन माह से की जा रही है वहीं टैंकरों के माध्यम से भी उपभोक्ताओं तक पानी पहुंचाया जा रहा है। घटगाड़ पेयजल योजना के स्रोत पर गर्मी के चलते पानी बेहद कम हो गया है, जिससे लिफ्ट पेयजल योजना की ओर से आपूर्ति बढ़ा कर पानी पहुंचाया जा रहा है और अब देवतोली क्षेत्र को लिफ्ट पेयजल योजना से जोड़ने के लिए उमा मंदिर तिराहे से पाइप लाइन बिछाई जाएगी साथ ही चट्टवापीपल योजना पर भी क्षतिग्रस्त हुए पाइप लाइन के स्थान पर नई पाइप लाइन डाली जाएगी। पेयजल योजना के टैंकों की हर सप्ताह सफाई की जा रही है वर्तमान में नगर में राजनगर, देवतोली, अपर बाजार, आईटीआई, सुभाषनगर, शक्तिनगर में टैंक हैं जिनसे नगर को पानी सप्लाई की जा रही है साथ ही जलसंकट के चलते कांडा, सिरण, पुडियाणी, दियारकोट में टैंकरों के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है। उपभोक्ताओं को पानी संकट न हो इसके लिए जलसंस्थान कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है जहां दूरभाष के माध्यम से उपभोक्ता अपनी पेयजल संबधी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जलनिगम के अवर अभियंता एस.नौटियाल द्वारा अवगत कराया गया कि विकासखंड कर्णप्रयाग के तहत पानी संकट से जूझ रहे गांव सलियाना, चूलाकोट,ढमढ़मा व मजखोला के लिए नई पेयजल योजनाओं के स्त्रोत मापन की प्रक्रिया पूरी कर इस्टीमेट तैयार कर दिया गया है साथ ही बणगांव, बसक्वाली के स्त्रोत मापन के बाद शीघ्र प्रांकलन तैयार किए जाने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। उपजिलाधिकारी वैभव गुप्ता ने जलसंस्थान से बढ़ते जलसंकट से निजात के लिए पानी आपूर्ति का रोस्टर तैयार करने के निर्देश दिए साथ ही लिकेज पाइप लाइनों को ठीक करने व उपभोक्ताओं की समस्या का निदान करने की बात कही। ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र में हैंडपंप नहीं हो सके ठीक

उधर, विकासखंड कर्णप्रयाग के कोल्सों, पकुंडा, कोल्सोंतल्ला, आमपुर, लोपाटा व सीरी में जलसंकट समस्या का निदान न होने से ग्रामीण दो किलोमीटर दूर प्राकृतिक स्रोतों से पानी ढोने को विवश हैं। ग्रामीण गिरीश नौटियाल ने बताया आमपुर से दो किलोमीटर दूर बगोली से किसी तरह पानी आपूर्ति कर दो वक्त पेयजल व्यवस्था की जा रही है, लेकिन मवेशियों को पानी पिलाना चुनौती बनता जा रहा है। इसी तरह कोटी-जेंटा मोटर मार्ग पर बीते छह माह से लगे हैंडपंप हवा छोड़ रहे हैं, लेकिन जल संस्थान ने इन हैंडपंपों में आई तकनीकी गड़बड़ी को ठीक नहीं किया है।


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