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    Joshimath Sinking: एक माह के भीतर सूखे पीढ़ियों से बह रहे तीन जलस्रोत, क्षेत्रवासियों में बढ़ी चिंता

    By Devendra rawatEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Sun, 05 Feb 2023 10:18 AM (IST)

    Joshimath Sinking जोशीमठ शहर में लगातार सूखते जलस्रोत चिंता बढ़ा रहे हैं। नगर क्षेत्र में 30 के आसपास प्राकृतिक जलस्रोत हैं। पिछले कुछ दिनों में ही ती ...और पढ़ें

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    Joshimath Sinking: एक माह के भीतर सूखे पीढ़ियों से बह रहे तीन जलस्रोत

    देवेंद्र रावत, जोशीमठ: Joshimath Sinking: जोशीमठ शहर में लगातार सूखते जलस्रोत चिंता बढ़ा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में ही तीन जलस्रोत पूरी तरह सूख चुके हैं। इनका पानी एक माह पहले कम होने लगा था। इसके अलावा अन्य कई जलस्रोतों में भी पानी काफी कम गया है।

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    क्षेत्रवासी भूधंसाव को इसका कारण मान रहे हैं। हालांकि, असल कारण सर्वे के बाद ही पता चल पाएगा। इसके लिए नगर पालिका शहर के जलस्रोतों की रिपोर्ट तैयार कर रही है, जिसे शासन-प्रशासन को भेजकर भूगर्भीय सर्वे का अनुरोध किया जाएगा।

    क्षेत्र में 30 के आसपास प्राकृतिक जलस्रोत

    जोशीमठ नगर क्षेत्र में 30 के आसपास प्राकृतिक जलस्रोत हैं। इनमें कई तो सौ से भी अधिक वर्षों से क्षेत्रवासियों की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। लेकिन, आपदा के बाद प्राकृतिक जलस्रोतों के सूखने से क्षेत्रवासी काफी परेशान हैं। हालिया दिनों में ही शहर के तीन जलस्रोत सूख चुके हैं और कइयों में पानी काफी कम हो गया है।

    सिंहधार वार्ड की प्रेमनगर कालोनी के स्रोत के अलावा मारवाड़ी तिराहे पर कोतवाली के पास से निकलने वाला गदेरा पूरी तरह सूख गया है। यह गदेरा सिंहधार से मारवाड़ी गांव होते हुए अलकनंदा नदी में गिरता था।

    इसके अलावा सिंहधार वार्ड के माधवाश्रम में पुराने पोस्ट आफिस के पास स्थित जलस्रोत का भी नामोनिशान नजर नहीं आ रहा। साथ ही मनोहर बाग के प्राकृतिक जलस्रोत समेत अन्य स्रोतों पर भी पानी कम हो गया है।

    सिंहधार निवासी 65-वर्षीय जगदीश प्रसाद उनियाल बताते हैं कि प्रेमनगर कालोनी के जलस्रोत को उन्होंने बचपन से देखा है। उस वक्त यह स्रोत पूरे मोहल्ले में पानी की आपूर्ति का एकमात्र माध्यम था। यहां तक कि निर्माण कार्यों और आसपास मौजूद खेतों की सिंचाई के लिए इसी स्रोत का पानी उपयोग में लाया जाता था।

    भूधंसाव को जलस्रोत सूखने का प्रमुख कारण मानते हैं स्‍थानीय

    वहीं, होटल मारवाड़ी के स्वामी 64-वर्षीय कैलाश शर्मा भी बचपन से ही इन स्रोतों को बहता देख रहे हैं। 48-वर्षीय रोशन सिंह जोशीमठ में भूधंसाव को जलस्रोत सूखने का प्रमुख कारण मानते हैं।

    एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि जोशीमठ नगर में प्राकृतिक पेयजल स्रोत सूखने की बातें सामने आ रही हैं। प्रशासन की ओर से इस मामले की जांच करवाई जा रही है।

    उच्च न्यायालय नैनीताल में मजबूती से रखा जाएगा प्रभावितों का पक्ष

    ज्योतिष्पीठ के संत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने रक्षा महायज्ञ में शामिल होकर आहुतियां दी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि वे जोशीमठ आपदा प्रभावितों के साथ खड़े हैं।

    उच्च न्यायालय नैनीताल में प्रभावितों को न्याय दिलाने के लिए मजबूती से पक्ष रखा जाएगा। ज्योतिर्मठ प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने बताया कि जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में आयोजित रक्षा महायज्ञ में अब तक 307 सहस्र चंडी पाठ हो चुका है और 571200 आहुतियां भी दी जा चुकी हैं।