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Joshimath : चीन सीमा को जाने वाले बदरीनाथ और नीति हाईवे में बढ़ा भूधंसाव, सेना के लिए खड़ी हो सकती है मुश्किल

Joshimath Sinking चमोली से चीन सीमा तक जाने के लिए बदरीनाथ हाईवे और नीती हाईवे हैं। जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव से बदरीनाथ हाईवे और नीती हाईवे पर खतरा बढ़ रहा है। ये मार्ग कई जगह भूधंसाव की चपेट में हैं।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Fri, 27 Jan 2023 11:07 AM (IST)Updated: Fri, 27 Jan 2023 11:07 AM (IST)
Joshimath : चीन सीमा को जाने वाले बदरीनाथ और नीति हाईवे में बढ़ा भूधंसाव, सेना के लिए खड़ी हो सकती है मुश्किल
Joshimath Sinking: जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव से बदरीनाथ हाईवे और नीती हाईवे पर खतरा बढ़ रहा है। ये

संवाद सहयोगी, जोशीमठः Joshimath Sinking: भारत-चीन के बीच 345 किमी लंबी सीमा उत्तराखंड से सटी है। इसमें से 100 किमी हिस्सा चमोली जिले में आता है।

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चमोली से चीन सीमा तक जाने के लिए बदरीनाथ हाईवे और नीती हाईवे हैं। सेना भी चीन सीमा तक आवागमन के लिए इन्हीं का इस्तेमाल करती है। लेकिन, जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव से बदरीनाथ हाईवे और नीती हाईवे पर खतरा बढ़ रहा है। ये मार्ग कई जगह भूधंसाव की चपेट में हैं।

दोनों मार्गों पर निरंतर नई दरारें आ रही हैं और पुरानी दरारों की चौड़ाई बढ़ रही है। इन्हें मिट्टी और मलबा डालकर भरा जा रहा है। इन मार्गों पर भूधंसाव इसी तरह बढ़ता रहा तो भविष्य में सेना के लिए भी दिक्कत खड़ी हो सकती है, क्योंकि यहां से चीन सीमा तक आवागमन के लिए सड़क मार्ग का कोई अन्य विकल्प नहीं है। इस लिहाज से इन मार्गों का धंसना देश की सुरक्षा की दृष्टि से भी चिंताजनक है।

चीन सीमा से लगी माणा घाटी तक जाता है हाईवे

बदरीनाथ हाईवे जितना महत्वपूर्ण धार्मिक एवं पौराणिक दृष्टि से है, उतनी ही अहमियत सामरिक दृष्टि से भी रखता है। ऋषिकेश से शुरू हुआ यह हाईवे जोशीमठ शहर के बीच से होते हुए चीन सीमा से लगी माणा घाटी तक जाता है। माणा घाटी का अंतिम गांव माणा जोशीमठ से 47 किमी की दूरी पर है, जबकि माणा से माणा पास की दूरी लगभग 52 किमी है।

जोशीमठ में इस हाईवे का करीब 12 किमी भाग पड़ता है। जोशीमठ में टीजीपी बैंड से रविग्राम और डांडो तक करीब तीन किमी क्षेत्र में फैला सेना का बेस कैंप इस हाईवे से कुछ ही दूरी पर है। आइटीबीपी के कैंप तक जाने वाली सड़क भी इसी हाईवे से निकलती है।

जोशीमठ क्षेत्र में दस जगह भूधंसाव से प्रभावित हाईवे

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) का कैंप भी हाईवे के नजदीक है। ऐसे में चीन सीमा के लिए सेना, आइटीबीपी और बीआरओ की समस्त गतिविधियों का संचालन इसी मार्ग से होता है।

फिलहाल यह हाईवे जोशीमठ क्षेत्र में दस जगह भूधंसाव से प्रभावित है। सबसे ज्यादा भूधंसाव मारवाड़ी क्षेत्र में है, जहां पांच जगह सड़क धंस रही है। मारवाड़ी पहले ही आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित है। इस कारण यहां इस मार्ग पर भूधंसाव ज्यादा हो रहा है।

इसी तरह जोशीमठ से चीन सीमा पर स्थित नीती घाटी के अंतिम गांव नीती की दूरी यहां से 76 किमी है, जबकि नीती से नीती पास लगभग 45 किमी दूर है। जोशीमठ से नीती घाटी तक जाने वाला हाईवे भी चार जगह धंस रहा है।

सेना के बेस कैंप का एक हिस्सा जोशीमठ बाजार से शुरू हो रहे इसी हाईवे पर स्थित है। इस हाईवे पर सेना के बेस कैंप के आसपास 10 से 50 मीटर लंबी कई दरारें आई हैं। इन दरारों को भी फिलहाल मलबे से भर दिया गया है।


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