Joshimath Sinking: सिंहधार में नए मकानों में आईं दरारें, भूधंसाव भी बढ़ा, पढ़ें जोशीमठ आपदा की लेटेस्ट अपडेट
Joshimath Sinking जोशीमठ के सिंहधार वार्ड में पांच भवनों में नई दरारें चिह्नित की गई है। जेपी कालोनी में जलधारा से हो रहे पानी का डिस्चार्ज चार दिन से स्थिर बना हुआ है। साथ ही खाली पड़ी भूमि में भी दरारें बढ़ रही हैं।
संवाद सहयोगी, जोशीमठ: Joshimath Sinking: जोशीमठ के सिंहधार वार्ड में पांच भवनों में नई दरारें चिह्नित की गई है। जोशीमठ में दरार वाले भवनों की संख्या बढ़कर 868 हो गई हैं, जिनमें 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं।
साथ ही, जेपी कालोनी में जलधारा से हो रहे पानी का डिस्चार्ज चार दिन से स्थिर बना हुआ है। सोमवार सुबह तकनीकी टीम ने पानी का डिस्चार्ज 17 एलपीएम मापा।
भवनों में लगातार दरारें बढ़ रही
जोशीमठ के सिंहधार वार्ड में भवनों में लगातार दरारें बढ़ रही हैं। इसके साथ ही नए भवनों में भी दरार पड़ रही हैं। यहां तक कि कई भवनों में दरार मापने के लिए लगाए गए क्रैकोमीटर भी टूट चुके हैं।
प्रशासन की ओर से कराए गए सर्वे में सोमवार को सिंहधार वार्ड के पांच नए भवनों में दरारें चिह्नित हुई। यहां शिवलाल और ऋषि देवी के घर को जाने वाले पैदल मार्ग और दोपहिया मार्ग के नीचे भूधंसाव हो रहा है।
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साथ ही खाली पड़ी भूमि में भी दरारें बढ़ रही हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन ने वर्तमान में 243 परिवारों के 878 सदस्यों को राहत कैंपों में अस्थायी रूप से विस्थापित किया है।
जबकि, 53 परिवारों के 117 सदस्य राहत कैंप छोड़कर किराये के भवनों में जा चुके हैं। जोशीमठ में सुरक्षा को लेकर एनडीआरएफ की दो टीमों के 93 जवान तथा एसडीआरएफ की 12 टीमों के 100 जवान तैनात हैं।
आइआइटी के टीम ने बाजार में लिए मिट्टी के नमूने
जोशीमठ में भूधंसाव की वजह का पता लगाने के लिए रुड़की स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) समेत विभिन्न एजेंसियां आंकड़े जुटा रही हैं।
इस कड़ी में सोमवार को आइआइटी के विशेषज्ञों ने बाजार क्षेत्र में गांधी मैदान में खोदाई कराकर मिट्टी के नमूने एकत्र किए। एक पखवाड़े से जोशीमठ में डटी यह टीम अब तक शहर में 20 से अधिक स्थानों से मिट्टी के नमूने एकत्र कर चुकी है।
जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन के कारणों की तह तक जाने के लिए यहां आठ एजेंसियां पड़ताल कर रही हैं। इनमें आइआइटी रुड़की के साथ आइआइआरएस, सीबीआरआइ, एनजीआरआइ, जीएसआइ, एनआइएच, केंद्रीय भूजल बोर्ड और वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान शामिल हैं।
ये एजेंसियां अपनी प्रारंभिक पड़ताल की रिपोर्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को सौंप चुकी हैं। आइआइटी रुड़की के पास जियो टेक्निकल सर्वे की जिम्मेदारी है।
होटल मलारी इन के तीसरी मंजिल से गिरा मजदूर, घायल
जोशीमठ में छह मंजिला होटल मलारी इन की डिस्मेंटलिंग में लगा मजदूर तीसरी मंजिल से नीचे पड़े मलबे के ढेर में जा गिरा। यह डिस्मेंटलिंग में लगे मजदूरों के साथ हुआ पहला हादसा है। हालांकि मजदूर को हल्की चोट ही आई है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोशीमठ में प्राथमिक उपचार के बाद मजदूर को घर भेज दिया गया। जोशीमठ में भवनों की डिस्मेंटलिंग में लगे मजदूरों को एसडीआरएफ की ओर से सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाने थे। लेकिन, मजदूरों को सुरक्षा के नाम पर केवल पीला हेलमेट थमा दिया गया है।