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Joshimath Sinking: मुख्यमंत्री पहुंचे जोशीमठ, किया भूधंसाव का निरीक्षण, सीएम को सामने देख रो पड़े प्रभावित

Joshimath Sinking जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से संकटग्रस्त परिवारों को बचाने और राहत देने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार दोपहर को चमोली जिले के जोशीमठ पहुंचे। यहां उन्‍होंने भूधंसाव का निरीक्षण किया।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraSat, 07 Jan 2023 02:10 PM (IST)
Joshimath Sinking: मुख्यमंत्री पहुंचे जोशीमठ, किया भूधंसाव का निरीक्षण, सीएम को सामने देख रो पड़े प्रभावित
Joshimath Sinking: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंचे।

टीम जागरण, चमोली: Joshimath Sinking: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को जोशीमठ पहुंचे और आपदा प्रभावितों के घर-घर जाकर उनकी व्यथा सुनी। सबसे पहले मुख्यमंत्री हेलीपैड से सीधे मनोहर बाग पहुंचे, जहां 80 मकानों में दरार आई हैं। संकट की इस घड़ी में मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर प्रभावितों की पीड़ा उनकी आंखों से छलक पड़ी।

यह देख मुख्यमंत्री भी भावुक हो उठे और ढांढस बंधाते हुए उन्हें भरोसा दिलाया कि संकटग्रस्त परिवारों की हर स्तर पर संभव मदद की जाएगी। जोशीमठ के वजूद को बचाने के लिए सरकार कोई भी कसर बाकी नहीं रखेगी। बाद में मुख्यमंत्री नृसिंह मंदिर भी गए और भगवान नृसिंह से जोशीमठ की रक्षा एवं स्थानीय निवासियों की खुशहाली की कामना की।

मुख्‍यमंत्री के बात कर भर आईंं प्रभावितों की आंखें

मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनका हाल जाना। इस दौरान सीएम से बात करते-करते प्रभावितों की आंखें भर आईंं। मुख्‍यमंत्री धामी ने जोशीमठ का हवाई निरीक्षण भी किया। मनोहर बाग से मुख्यमंत्री कोतवाली के पास उस जगह पहुंचे, जहां दो होटल समेत कई भवनों पर दरार आने के बाद पूरे क्षेत्र को खाली करा दिया गया है।

उन्होंने सुनील गांव के अलावा गुरुद्वारा व नगर पालिका स्थित राहत कैंप में भी प्रभावितों से बातचीत कर उनका दुख-दर्द बांटा। इस दौरान उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सरकार पूरी तरह प्रभावितों के साथ खड़ी है। कहा कि जोशीमठ का अपना धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है।

यह हम सबकी आस्था का केंद्र है। ज्योतिर्मठ को प्राकृतिक आपदा से बचाना हम सबके सामने बड़ी चुनौती है और हम इसका पूरे मनोयोग से मुकाबला करेंगे। खतरे की जद में आए इस पौराणिक शहर की सुरक्षा के लिए जो भी सर्वश्रेष्ठ उपाय संभव होंगे, किए जाएंगे। शहर की सुरक्षा के लिए सीवर एवं ड्रेनेज संबंधी सभी कार्य जल्द से जल्द कराए जाएंगे।

प्रभावितों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हमारी पहली प्राथमिकता जानमाल की सुरक्षा है। साथ ही भूधंसाव से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की भी वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।

भूधंसाव रोकने को तात्कालिक और दीर्घकालिक कार्ययोजना पर गंभीरतापूर्वक कार्य किया जा रहा है। फिलहाल सुरक्षा के मद्देनजर तात्कालिक रूप से जो भी कार्य हो सकते हैं, उन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। प्रभावितों को समय से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना वर्तमान की सबसे बड़ी आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने आर्मी बैंड में भी भूधंसाव का जायजा लिया।

दो दिन से जोशीमठ में आठ सदस्यीय विशेषज्ञ दल

जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से संकटग्रस्त परिवारों को बचाने और राहत देने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है। आठ सदस्यीय विशेषज्ञ दल आपदा प्रबंधन सचिव के नेतृत्व में दो दिन से जोशीमठ में है।

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सरकार ने जोशीमठ में तत्काल डेंजर जोन को खाली करने और सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास केंद्र बनाने की तैयारी कर ली है। जोशीमठ में आपदा कंट्रोल रूम स्थापित करने के साथ ही आवश्यकता होने पर प्रभावितों के लिए एयर लिफ्ट सुविधा की तैयारी रखी गई है।

धारण क्षमता के अनुसार नियोजित ढंग से हों निर्माण

जोशीमठ शहर पुराने भूस्खलन क्षेत्र में बसा है। ऐसे में इसकी धारण क्षमता की पड़ताल कराने के साथ ही इसके आधार पर ही वहां नियोजित ढंग से निर्माण की अनुमति दी जानी चाहिए। जोशीमठ में भूधंसाव की समस्या को लेकर पिछले वर्ष सरकार द्वारा गठित विज्ञानियों की समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह सुझाव दिया था।

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सूत्रों के अनुसार विज्ञानियों की समिति ने रिपोर्ट में यह उल्लेख भी किया कि जोशीमठ में भूधंसाव और घरों में दरारें पडऩे का क्रम तेज हुआ है। इसे देखते हुए पूरे शहर को अन्यत्र विस्थापित करने के बाद ही वहां उपचारात्मक कदम उठाए जाएं।

गौरतलब है कि विज्ञानियों की समिति ने पिछले वर्ष अगस्त में जोशीमठ का दौरा किया था। समिति ने सितंबर में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी।

यद्यपि, जोशीमठ में स्थिति बिगडऩे पर सरकार ने सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत सिन्हा की अध्यक्षता में विज्ञानियों की टीम को दोबारा अध्ययन के लिए भेजा है। यह टीम गुरुवार से क्षेत्र में निरीक्षण करने के साथ ही प्रभावित जनों और प्रबुद्धजनों से बातचीत कर सुझाव ले रही है।

जोशीमठ में ही कैंप करेंगे मुख्यमंत्री के सचिव व गढ़वाल कमिश्नर

मुख्यमंत्री के सचिव आर मिनाक्षी सुंदरम व गढ़वाल कमिश्नर जोशीमठ में ही कैंप करेंगे। मुख्यमंत्री ने दोनों अधिकारियों को अग्रिम आदेशों तक जोशीमठ में ही बने रहने के आदेश दिए हैं। ये अधिकारी आपदा राहत कार्यों की निरंतर समीक्षा करेंगे। इसके अलावा 200 से अधिक अधिकारी कर्मचारी आपदा राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।