जोशीमठ का मारवाड़ी बढ़ा रहा है भूधंसाव की चिंता, पूरे इलाके में निर्माण पर लगी रोक
जोशीमठ का मारवाड़ी वार्ड मुख्य शहर से करीब नौ किमी आगे बदरीनाथ धाम की दिशा में पड़ता है। इस क्षेत्र में अब तक ऐसे 53 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं जिनमें दरारें आई हैं। किसी भी भवन में अब तक लाल निशान (असुरक्षित घोषित) नहीं लगा है।
जागरण संवाददाता जोशीमठ: आपदाग्रस्त जोशीमठ में दरार वाले भवनों की संख्या भले ही एक पखवाड़े से न बढ़ी हो, मगर शहर के मारवाड़ी क्षेत्र में बढ़ रहा भूधंसाव चिंता का विषय बना हुआ है। यहां भवनों, पुश्तों, सड़कों और जमीन पर नई दरारें आने का सिलसिला जारी है। दरारों की चौड़ाई भी निरंतर बढ़ रही है। मारवाड़ी क्षेत्र में एक भवन के नीचे बने पुश्ते में दरारें बढ़ने के बाद बदरीनाथ हाईवे करीब 20 मीटर तक आवागमन के लिए खतरनाक हो गया है। इस स्थान से कुछ दूरी पर हाईवे पर भूधंसाव इतना ज्यादा बढ़ गया कि उसे मलबा डालकर पाटना पड़ा है। हालांकि दोनों जगह यातायात का आवागमन सुचारू है।
जोशीमठ का मारवाड़ी वार्ड मुख्य शहर से करीब नौ किमी आगे बदरीनाथ धाम की दिशा में पड़ता है। इस क्षेत्र में अब तक ऐसे 53 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं जिनमें दरारें आई हैं। किसी भी भवन में अब तक लाल निशान (असुरक्षित घोषित) नहीं लगा है। मारवाड़ी गांव से करीब एक किमी की दूरी पर एक भवन के नीचे बने पुश्ते पर भी पिछले कई दिन से दरारें बढ़ रही हैं। इससे पुश्ते के किसी भी समय गिरने का खतरा पैदा हो गया है।
जलधारा का प्रवाह घटा, दरार वाले भवनों की संख्या स्थिरः जेपी कालोनी में फूटी जलधारा को लेकर राहत बरकरार है। दो जनवरी की रात फूटी जलधारा के प्रवाह में गुरुवार को भी कमी आई। अब जलधारा का प्रवाह 17 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) पर पहुंच गया है। शहर में अब तक 863 दरार वाले भवन चिह्नित किए जा चुके हैं।
इनमें से 181 भवनों को असुरक्षित घोषित किया गया है। वहीं, होटल मलारी इन और माउंट व्यू में ऊपर से दो तल पूरी तरह ध्वस्त किए जा चुके हैं। जेपी कालोनी में भी भूधंसाव से प्रभावित 14 भवनों को गिराने का काम जारी है।
पूरे जोशीमठ क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों पर लगी रोक
जमीन धंसने की घटनाओं के बाद उत्तराखंड सरकार ने तपोवन- विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना और हिलोंग-मारवाड़ी बाईपास रोड सहित पूरे जोशीमठ क्षेत्र में सभी निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी है। सरकार ने भूधंसाव प्रभावित जोशीमठ से 296 परिवारों के 995 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में तीन अलग-अलग सवालों के लिखित जवाब में कहा कि जोशीमठ में 863 इमारतों में हालिया भूस्खलन के कारण दरारें देखी गई हैं। 30 जनवरी तक 235 प्रभावित परिवारों को राहत सहायता के रूप में 3.50 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।
सहकारी बैंक ने ऋण किश्तों के लिए एक साल की छूट दी सरकारी बैंक ने आपदा प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र में लोगों के बैंक ऋण अदायगी के लिए एक साल का समय बढ़ा दिया है। इस बाबत सहकारी बैंक की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है।
शासन ने सहकारी बैंक चमोली को जोशीमठ में आपदा के चलते ऋण किस्तों में एक वर्ष की छूट देने का आदेश जारी किया है। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि इस बाबत आदेश जारी कर दिया है।