Move to Jagran APP

चीन सीमा पर शरीर को फौलाद बना रहे हैं जवान

इन दिनों आइटीबीपी के साथ असम राइफल, हिमाचल प्रदेश पुलिस, वेस्‍ट बंगाल पुलिस व ओडिसा पुलिस के जवान चमोली में भारत-चीन सीमा पर स्थित सतोपंथ ग्लेशियर में ट्रेनिंग ले रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 08:30 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jun 2018 05:18 PM (IST)
चीन सीमा पर शरीर को फौलाद बना रहे हैं जवान
चीन सीमा पर शरीर को फौलाद बना रहे हैं जवान

गोपेश्वर, चमोली [जेएनएन]: चमोली जिले में भारत-चीन सीमा पर स्थित सतोपंथ ग्लेशियर में इन दिनों आइटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के साथ असम राइफल, हिमाचल प्रदेश पुलिस, पश्चिम बंगाल पुलिस व ओडिसा पुलिस के जवान विषम परिस्थितियों से लड़ने की ट्रेनिंग ले रहे हैं। इन जवानों को वहां बर्फ व चट्टानों में रेस्क्यू करने और दुश्मनों से लोहा लेने के गुर सिखाए जा रहे हैं।

loksabha election banner

आइटीबीपी पर्वतारोहण एवं स्कीइंग संस्थान औली के असिस्टेंट कमांडेंट नरेंद्र रावत ने बताया कि इस प्रशिक्षण में सौ से अधिक जवान हिस्सा ले रहे हैं। दो माह का यह प्रशिक्षण 15 हजार से 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सतोपंथ ग्लेशियर में आयोजित किया जा रहा है। इसके तहत जवानों को ग्लेशियर, हिमखंड, पहाड़ व चट्टानों पर चढऩे की ट्रेङ्क्षनग दी ही जा रही है। दोपहर बाद उन्हें खेलों के माध्यम से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फिट रहने का अभ्यास भी कराया जा रहा है। ताकि वे कम ऑक्सीजन में रहने के भी अभ्यस्त हो जाएं। इसके अलावा जवानों को दुश्मनों से लडऩे, स्कीइंग व रेस्क्यू के साथ विषम परिस्थितियों में ऑपरेशन को अंजाम देने के गुर भी सिखाए जा रहे हैं। 

असिस्टेंट कमांडेंट नरेंद्र रावत ने बताया कि प्रशिक्षण रात-दिन चल रहा है। रात के समय तो यहां तापमान शून्य से नीचे चला जाता है। विदित हो कि देश से अंटार्कटिका प्रशिक्षण लेने के लिए जाने वाले जवान पहले इसी संस्थान में प्रारंभिक प्रशिक्षण लेते हैं। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ही उनका अंटार्कटिका जाने के लिए चयन होता है।

यह भी पढ़ें: चीन सीमा के निकट वायुसेना के फाइटर प्‍लेन करेंगे बमबारी, जानिए कारण

यह भी पढ़ें: आइटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल हुए 13 उप निरीक्षक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.