बेकरी और मुर्गी पालन से बढ़ेगी आमदनी
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: एकीकृत आजीविका परियोजना में कृषि आधारित प्रोजेक्ट के अलावा बेकरी,
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: एकीकृत आजीविका परियोजना में कृषि आधारित प्रोजेक्ट के अलावा बेकरी, मुर्गी पालन समेत अन्य प्रोजेक्ट भी जोड़ने जरूरी हैं। इससे किसानों की आजीविका के साधन में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
कलेक्ट्रेट सभागार में आजीविका परियोजना के प्रतिनिधियों की बैठक में जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने कहा कि एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के तहत जिले में संचालित फेडरेशन कृषि आधारित प्रोजेक्ट के अलावा कुछ नये प्रोजेक्ट पर भी कार्य करें, ताकि फेडरेशन से जुड़े लोगों को इसका और अधिक फायदा मिल सके। कहा कि बेकरी, पोल्ट्री फार्म, कपड़े के बैग, पंचबद्री प्रसाद, गुलाब जल, सेनेटरी नैपकीन, लेमन ग्रास आदि व्यावसायिक गतिविधियों की भी जिले में भरपूर संभावना है। कोई भी फेडरेशन इससे जुड़कर अच्छी आय अर्जित कर सकता है। कहा कि ऐसे व्यवसाय के संचालन के लिए फेडरेशन चाहे तो एसबीएमए, हिमोत्थान, वरदान आदि तकनीकि संस्थाओं से आवश्यक प्रशिक्षण भी ले सकते हैं। स्थानीय उत्पादों को उनकी विशेषता के साथ नहीं बेच पा रहे हैं, जिस पर विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने स्थानीय उत्पादों के संग्रहण, ग्रे¨डग, पैके¨जग एवं विपणन के लिए सेंट्रलाइज रूप में एक संग्रहण केंद्र स्थापित करने पर भी जोर दिया, ताकि फेडरेशन के माध्यम से तैयार उत्पादों की गुणवत्ता की मॉनीट¨रग भी की जा सके। कहा कि किसी भी प्रोडक्ट को अच्छी क्वालिटी और पैके¨जग के साथ मार्केट में उपलब्ध कराने पर फेडरेशन को ही इसका अधिक लाभ मिलेगा। कोई चौलाई के लड्डू तो कोई चला रहा पोल्ट्री फार्म
आइएलएसपी के प्रबंधक प्रीतम भट्ट ने बताया कि सेलडुंग्री फेडरेशन के माध्यम से आलू बीज उत्पादन के लिए 200 नाली भूमि चिह्नित की गई है। नंदा देवी व मां भगवती फेडरेशन पंचबद्री प्रसाद में चौलाई के लड्डू, गौरा देवी संगठन बेकरी, नागधार संगठन पोल्ट्री तथा राज राजेश्वर संगठन फीड यूनिट संचालित करने की दिशा में कार्य कर रही है।