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हेमकुंड की शीतकालीन यात्रा गोविंदघाट तक

संवाद सूत्र, बदरीनाथ: उत्तराखंड के चार धामों की भांति शीतकाल में हेमकुंड साहिब की यात्रा भी संचालि

By Edited By: Published: Fri, 21 Nov 2014 06:17 PM (IST)Updated: Fri, 21 Nov 2014 06:17 PM (IST)
हेमकुंड की शीतकालीन यात्रा गोविंदघाट तक

संवाद सूत्र, बदरीनाथ:

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उत्तराखंड के चार धामों की भांति शीतकाल में हेमकुंड साहिब की यात्रा भी संचालित किए जाने का निर्णय लिया गया है। शीतकाल में श्रद्धालु गोविंदघाट में भी अरदास कर सकते हैं। अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने शुक्रवार को बैठक कर यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। इस दौरान, स्थानीय लोगों ने आधा अधूरी तैयारियों पर शिकायत दर्ज कराई।

गोविंदघाट गुरुद्वारा सभागार में आयोजित बैठक में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष बिंद्रा ने शीतकाल यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की। निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड के चार धामों की भांति श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा भी शीतकाल में गोविंदघाट तक जारी रखी जाएगी। यात्रा के लिए गोविंदघाट में पांच हजार से अधिक लोगों के प्रतिदिन ठहरने की व्यवस्था है। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी गुरुद्वारे में लंगर की व्यवस्था भी करेगी। उन्होंने कहा कि शीतकाल में बदरीनाथ की यात्रा पांडुकेश्वर तक जारी रखने के मुख्यमंत्री के निर्णय से गुरुद्वारा गोविंदघाट तक भी यात्रियों की आवाजाही होगी। इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलेंगे। बिंद्रा ने कहा कि पांडुकेश्वर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी गुरुद्वारा खुला रहेगा। उन्होंने कहा कि सिख यात्रियों को भी यहां आने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

बिंद्रा ने गोविंदघाट झूला पुल का निरीक्षण कर अधिकारियों को इसे ठीक करने के निर्देश दिए। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता पी. जोशी ने बताया कि पुलना मार्ग पर हाइमास्क लाइट, सुलभ शौचालय आदि निर्माण कार्यो के लिए 13.50 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। गोविंदघाट में वाहनों की पार्किंग के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि घांघरिया की सुरक्षा के लिए कार्ययोजना शासन को भेजी गई है। गोविंदघाट में बाढ़ सुरक्षा का कार्य पूरा कर दिया गया है। पांडुकेश्वर में मात्र 500 मीटर सुरक्षा दीवार का निर्माण किया जाना बाकी है। बैठक में गुरुद्वारा प्रबंधक सरदार सेवा सिंह, प्रधान पांडुकेश्वर सतेश्वरी देवी, बिजेंद्र सिंह चौहान, जयदीप मेहता, दिगंबर पंवार, प्रताप चौहान, बलदेव मेहता, गोविंद पंवार आदि ने विचार व्यक्त किए।


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