चमोली में बीमार महिला को पालकी पर लादकर सड़क तक लाए ग्रामीण
चमोली के जोशीमठ ब्लॉक स्थित ह्यूंणा गांव में 55-वर्षीय अषाढ़ी देवी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। ऐसे में ग्रामीणों को उन्हें पालकी पर लादकर चार किमी दूर रोड हेड तक लाना पड़ा।
गोपेश्वर (चमोली), जेएनएन। पहाड़ के दूरस्थ में गांवों में स्वास्थ्य सुविधा का क्या है, इसकी बानगी मंगलवार को सीमांत चमोली जिले के जोशीमठ ब्लॉक स्थित ह्यूंणा गांव में देखने को मिली। गांव में 55-वर्षीय अषाढ़ी देवी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। ऐसे में ग्रामीणों को उन्हें डंडी (पालकी) पर लादकर चार किमी दूर रोड हेड तक लाना पड़ा। तब जाकर वाहन से अस्पताल पहुंचाया जा सका।
ह्यूंणा पहुंचने के लिए बदरीनाथ हाइवे पर पीपलकोटी के निकट पाखी से चार किमी की चढ़ाई पैदल नापनी पड़ती है। ग्रामीण लंबे अर्से से गांव को सड़क से जोडऩे की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाए तो उसे अस्पताल ले जाना स्वयं में बहुत बड़ी चुनौती है।
मंगलवार को यही आषाढ़ी देवी के साथ हुआ। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें रोड हेड पाखी तक पहुंचाने के लिए ग्रामीणों को डंडी का सहारा लेना पड़ा। यहां से उन्हें वाहन में पीपलकोटी स्थित स्वामी विवेकानंद धर्मार्थ चिकित्सालय लाया गया।
ह्यूणा निवासी राकेश सिंह भंडारी ने बताया कि बरसात के दिनों में बीमार को डंडी पर लाने के कई खतरे हैं। उस पर अगर समय से बीमार को अस्पताल नहीं पहुंचाया गया तो उसकी जान पर भी बन सकती है। लेकिन, ग्रामीणों की इस पीड़ा को समझने के लिए कोई तैयार नहीं है। बताया कि तबीयत ज्यादा बिगडऩे पर आषाढ़ी देवी को पीपलकोटी से हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।
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