प्रसव के बाद बिगड़ी हालत, पालकी से स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया
ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क सुविधाओं की कमी चलते विकट परिस्थितियां झेल रहे ग्रामीणों की एक और पीड़ादायक तस्वीर सामने आई है।
संवाद सूत्र, जोशीमठ : ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क सुविधाओं की कमी चलते विकट परिस्थितियां झेल रहे ग्रामीणों की एक और पीड़ादायक तस्वीर सामने आई है। जोशीमठ के किमाणा गांव में प्रसव के बाद जब महिला की हालत बिगड़ी तो ग्रामीण कुर्सी की पालकी में महिला व नवजात शिशु को तकरीबन आठ किलोमीटर दूर पैदल सड़क तक लाए। यहां से एंबुलेंस के जरिये महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोशीमठ लाया गया। डेढ़ दशक पूर्व इस गांव के लिए सड़क स्वीकृत हुई थी। जिस पर आज तक निर्माण कार्य आरंभ नहीं हो सका है।
किमाणा गांव के प्रधान मुकेश चंद्र सेमवाल ने बताया कि बीते रविवार रात को गांव निवासी मुकेश की पत्नी दीपा देवी की तबीयत अचानक खराब होने लगी। दीपा ने ने दो दिन पहले ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया था। गांव में स्वास्थ्य सुविधा न होने पर सोमवार को सुबह गांव के युवकों व स्वजनों ने महिला को एक पालकी बनाकर आठ किमी पैदल चलकर बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लंगसी तक पहुंचाया और उसके बाद उसे जोशीमठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया। क्षेत्र पंचायत सदस्य रोशनी देवी ने बताया कि महिला की हालत में सुधार के बाद उसे घर भेज दिया गया। सड़क मार्ग नहीं होने के कारण आए दिन ग्रामीणों को इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को सड़क मार्ग तक पहुंचाने के लिए कुर्सी की पालकी का सहारा लेना पड़ता है।