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राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने किए बदरी विशाल के दर्शन

संवाद सूत्र, बदरीनाथ: उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने विजयदशमी के मौके पर बदरीनाथ ध

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 10:43 PM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 10:43 PM (IST)
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने किए बदरी विशाल के दर्शन
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने किए बदरी विशाल के दर्शन

संवाद सूत्र, बदरीनाथ: उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने विजयदशमी के मौके पर बदरीनाथ धाम में दर्शन कर पूजा अर्चना करते हुए देश और राज्य की खुशहाली की कामना की। पूजा अर्चना के दौरान उनके पति प्रदीप कुमार मौर्य भी साथ थे। उन्होंने कहा कि देवभूमि में भगवान नारायण के दर्शन से अछ्वुत शक्ति की अनुभूति हुई है। राज्यपाल ने पूरे प्रदेश वासियों को विजयदशमी पर्व की भी शुभकामनाएं दी। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने मंदिर परिसर में राज्यपाल को तुलसी माला, प्रसाद व अंगवस्त्र भेंट कर उनका स्वागत किया।

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राज्यपाल बेबी रानी मौर्य निर्धारित कार्यक्रम के तहत विजयदशमी पर्व पर शुक्रवार को बदरीनाथ धाम पहुंची। बदरीनाथ धाम में दर्शन व पूजा अर्चना के बाद राज्यपाल ने बीआरओ के अतिथि गृह में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ केंद्र पोषित योजनाओं की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। राज्यपाल ने एसएचजी ग्रुप द्वारा तैयार किए गए जूट के बैग के प्रयोग पर जोर देने को कहा। इसके उपयोग से बदरीनाथ धाम को पॉलीथिन मुक्त किया जा सकता है।

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने राज्यपाल को बताया कि जिले में शिक्षकों की भारी कमी को देखते हुए स्कूलों में ई-लर्निंग प्रोग्राम शुरू किया गया है। किसानों को स्थानीय उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए जिला स्तर पर 26 व 27 अक्टूबर को हिमालयन कानक्लेव का आयोजन किया जा रहा है। राज्यपाल ने बदरीनाथ में डीआरडीए द्वारा संचालित सरस केन्द्र में पंचबद्री प्रसाद विक्रय स्टाल का निरीक्षण भी किया। माणा गांव की महिलाओं की हौसला अफजाई

जोशीमठ: राज्यपाल ने बदरीनाथ दर्शन के बाद सरस केंद्र में पंचबद्री प्रसाद विक्रय स्टॉल का भी निरीक्षण किया। इस दौरान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने निर्मित स्थानीय उत्पाद व हस्तशिल्प कालीन, पंखी, शाल, स्वेटर, टोपी, ¨रगाल की टोकरी, गुलाब जल, अमेष का जूस, चूली का तेल आदि वस्तुओं का अवलोकन करते हुए जमकर सराहना की और अधिकारियों को महिला स्वयं सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने को कहा। इसके बाद राज्यपाल ने सीमांत गांव माणा पहुंचकर स्थानीय महिलाओं से भी मुलाकात की। स्थानीय महिलाओं ने राज्यपाल को शाल भेंट कर उनका स्वागत किया।


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