गौचर-कर्णप्रयाग राजमार्ग के बीच आवाजाही जोखिमभरी
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग : गौचर-कर्णप्रयाग राजमार्ग पिछले कई महीनों से वाहन चालकों के लिए मु
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग : गौचर-कर्णप्रयाग राजमार्ग पिछले कई महीनों से वाहन चालकों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है। निकासी नाली के अभाव में सड़क पर मिट्टी जमा होने से मार्ग दलदल में तब्दील हो गया है। वहीं जिम्मेदार महकमा व जनपद स्तरीय अधिकारी इस ओर चुप्पी साधे हैं।
गौचर-कर्णप्रयाग राजमार्ग पर चट्टवापीपल, गलनाऊं के समीप निकासी नाली नहीं होने से सड़क पर कीचड़ हो गया है। जिससे छोटे वाहनों का वहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं है। इस संबंध में कई बार क्षेत्रीय ग्रामीणों ने एनएच अधिकारियों से फरियाद की, लेकिन समस्या सुलझने के बजाय बिगड़ गई है। दुपहिया वाहन चालक राकेश कंडवाल, दीपक कुमार, जगदीश चंद्र ने बताया कि बीते दिनों उन्होंने एनएच से गलनाऊं व चट्टवापीपल में सड़क पर बने गढ्डों को भरकर निकासी नाली की मांग उठाई। लेकिन विभाग की ओर से गढ्डों में मिट्टी भरने से सड़क दलदल में तब्दील हो गई और आए दिन दुपहिया वाहन चालक उसमें रपट कर घायल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि गौचर मेले के दौरान मार्ग से कई जिलास्तरीय अधिकारी गुजरे, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हो सका और राजमार्ग पर मिट्टी की परत चढ़ जाने से आवाजाही जोखिमभरी हो गई है। इसी तरह नगर क्षेत्र कर्णप्रयाग के राजमार्ग से सीएमपी बैंड तक निकासी नालियां क्षतिग्रस्त होने से पानी सड़क पर बह रहा है, जिससे हर समय दुर्घटना होने का खतरा बना है। इसके अलावा कर्णप्रयाग-नैनीसैंण मोटर मार्ग के शुरूआती व अंतिम भाग में डामरीकरण कार्य न होने से पूर्व में हुए सुधारीकरण कार्य पर व्यय राशि का सच सबके सामने आ गया है। कई स्थानों पर पुश्ते गिरने व जमीन धंसने से आवाजाही जोखिमभरी है। वहीं मार्ग के खतरनाक मोड़ों पर साइनबोर्ड व सुरक्षा के इंतजाम तक नहीं है। उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग जीआर बिनवाल ने बताया कि इस संबंध में एनएच अधिकारियों को अवगत कराया गया है। -फोटो- 15केपीआरपी-4 कर्णप्रयाग-जोशीमठ राजमार्ग गौचर के समीप मार्ग पर दलदल व गढ्डे होने से बना जोखिमभरा