चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ की डोली धाम के लिए रवाना, 18 मई को खोले जाएंगे कपाट
चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ की डोली गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर परिसर से कैलाश के लिए रवाना हो गई है।
चमोली, जेएनएन। चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ की डोली गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर परिसर से कैलाश के लिए रवाना हो गई है। सीमित संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति में भोले अपने ग्रीष्मकालीन प्रवास कैलाश के लिए रवाना हुए हैं। 18 मई को ब्रह्ममुहूर्त में हिमालय के मखमली बुग्यालों के बीच स्थित पंच केदार में शामिल भगवान रुद्रनाथ के कपाट खोल दिए जाएंगे।
आभूषणों और फूलों से सजी चतुर्थ केदार रुद्रनाथ की उत्सव डोली पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ रवाना हुई। पिछले वर्षों तक सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उत्सव डोली के साथ जाते थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते मात्र 20 लोगों को ही अनुमति दी गई है। इस दौरान मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा पालन किया गया। दो दिनों की कठिन चतुर्थ केदारनाथ भगवान रुद्रनाथ की कठिन पैदल यात्रा में उत्सव डोली का पहला पड़ाव पनार में रहेगा। फिर इसके बाद अगले दिन डोली रुद्रनाथ के लिए रवाना होगी। आपको बता दें कि चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट 18 मई को ब्रह्मुहूर्त में खोले जाएंगे।
15 मई को विधि-विधान से खुले बदरीनाथ धाम के कपाट
भू-वैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शुक्रवार को तड़के 4 बजकर 30 मिनट पर ग्रीष्मकाल के लिए खोले गए। कपाट खुलने के अवसर पर मंदिर में मुख्य पुजारी और धर्माधिकारी समेत कुल 28 लोग ही मौजूद रहे। मंदिर में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से हुई, जिसमें यजमान के रूप में पं. ऋषि प्रसाद सती शामिल हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम से 4300 रुपये की रसीद कटवाई।
इसके अलावा 145 अन्य लोगों के नाम की पूजाएं भी इस मौके पर हुईं। इन सभी ने पूजाओं के लिए ऑनलाइन बुकिंग कराई हुई थी। इस मौके पर धाम में मौजूद बामणी और माणा गांव के लोगों ने भी शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए अखंड ज्योति के दर्शन किए।