किसान पिता का बेटा कृष्णा बना अफसर
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संवाद सहयोगी, गैरसैंण: किसान पिता का बेटा कृष्णा के सैन्य अफसर बनने से गैरसैंण ब्लॉक का पूरा क्षेत्र खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। एमएलटीई सैन्य अकादमी मऊ से पासआउट होकर कृष्णा भारतीय सेना का अंग बन गए हैं। घर में मां शांति देवी और पिता सुरेंद्र सिंह को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
गैरसैंण ब्लॉक के दूरस्थ खनसर घाटी के कंडारीखोड गांव में 14 जुलाई 1999 को सामान्य परिवार में जन्मे कृष्णा की प्रारंभिक शिक्षा दिवागाड़ विद्या मंदिर में हुई। कक्षा आठ पास करने के बाद वह गैरसैंण आ गए। राजकीय इंटर कालेज से 87 फीसद अंक के साथ इंटर करने के बाद वह पढ़ाई के बाद मामा हवलदार वीरेंद्र सिंह के साथ रुड़की आ गए। कैंट एरिया में रोजाना सैनिकों की परेड व अनुशासन को देख कृष्णा मन ही मन सैन्य अधिकारी बनने का सपना देखने लगे। रुड़की कैंट के सैनिकों ने उसे एनडीए परीक्षा के लिए प्रेरित किया। उसके बाद कृष्णा सैन्य अधिकारी का सपना पूरा करने में जुट गए। 2016 में एनडीए के समकक्ष टेक्निकल एंट्री स्कीम के साक्षात्कार में स्क्रीन आउट हुए, लेकिन वे निराश नहीं हुए। 2017 में उन्होंने दोबारा परीक्षा दी और 17 जुलाई को ओटीए में ज्वाइन किया। जहां एक वर्ष के बेसिक सैन्य प्रशिक्षण के बाद टेक्निकल ट्रेनिग में लिए एमएलटीई मऊ में तीन वर्ष तक जमकर पसीना बहाया। आखिरकार 12 जून को वह दिन आ गया, जब वे सेना का अंग बना। लेफ्टिनेंट कृष्णा रावत ने अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता और गुरुजनों को दिया है। उन्होंने कहा कि वह अपने दादा स्व.अमर सिंह का सपना पूरा करेंगे। पिता सुरेन्द्र सिंह रावत किसान हैं। उनकी गांव में एक छोटी सी दुकान भी है। जबकि माता शांति देवी आंगनबाड़ी सहायिका का काम कर रहीं हैं। माता-पिता बेटे के सैन्य अफसर बनने पर काफी खुश हैं।