Move to Jagran APP

जिला चिकित्सालय बना रेफर सेटर

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : चमोली का जिला चिकित्सालय को खुद के उपचार की दरकार है। हृदय रोग ि

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 11:57 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 11:57 PM (IST)
जिला चिकित्सालय बना रेफर सेटर

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर :

loksabha election banner

चमोली का जिला चिकित्सालय को खुद के उपचार की दरकार है। हृदय रोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ सहित कई विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद खाली होने से उपचार के नाम पर इस चिकित्सालय में खाना पूर्ति ही हो रही है। नगर पालिका चुनावों में जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों की कमी भी एक बड़ा मुद्दा है। क्योंकि जिला मुख्यालय में चिकित्सा सेवाओं के बदहाल होने का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। चमोली के जिला चिकित्सालय में लंबे समय से चिकित्सकों की कमी बनी है। हर चुनावों में सेवाओं की मजबूती के वायदे किए जाते हैं। बावजूद इसके चिकित्सालय आज भी बदहाल स्थिति में खड़ा है। जिससे लोगों में आक्रोश है। जिला चिकित्सालय में महिला रोग विशेषज्ञ न होने से प्रसव सहित महिला रोगों के उपचार के लिए शहरी क्षेत्रों की दौड़ लगानी पड़ती है। हृदय रोग के लिए भी यहां विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है। जबकि यात्रा रूट पर इस चिकित्सालय में पहाड़ी क्षेत्र में हृदय रोगी आए दिन चिकित्सालय पहुंचते हैं। जिला चिकित्सालय में कुल 37 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं। 16 चिकित्सक तैनात हैं। एक चिकित्सक पीजी करने गई है। पांच चिकित्सक लंबे समय अनुपस्थित चल रहे हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों में बाल रोग विशेषज्ञ ,चैस्ट फिजीशियन के भी न होने से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है। इस चिकित्सालय में प्रति माह 15 हजार से अधिक मरीज उपचार के लिए आते हैं। लेकिन यहां बेहतर उपचार करने के बजाए मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। क्या कहती है जनता

चमोली जिला सैनिक बाहुल्य क्षेत्र है। जिला चिकित्सालय में महिला रोग विशेषज्ञ की अति आवश्यकता है। महिलाओं को प्रसव सहित अन्य रोगों के उपचार की सुविधा होनी चाहिए। अनिता डिमरी , गृहणी गोपेश्वर सीमांत क्षेत्रों से जनता स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में पलायन कर रही है। चिकित्सकों के अभाव में चिकित्सा सेवा खानापूर्ति ही साबित हो रही है। कृष्ण कांत सेमवाल, सुभाष नगर गोपेश्वर तीर्थाटन व पर्यटन महत्व को देखते हुए जिला चिकित्सालय के पास ट्रामा सेंटर 2009 में खोला गया था। लेकिन आज तक इसमें चिकित्सकों की तैनाती ही नहीं हुई है। कांति भट्ट सदस्य उपभोक्ता फोरम जिला मुख्यालय गोपेश्वर में बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लोगों ने गांवों से पलायन कर यहां अपना आशियाना बनाया, लेकिन इस आधुनिक युग में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे है। सुशील ¨सह कुंवर व्यापारी गोपेश्वर गोपेश्वर कभी चिकित्सा सेवाओं के लिए अपनी पहचान रखता था, लेकिन चिकित्सकों की कमी से स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। ग्रामीण बड़ी उम्मीद से उपचार के लिए यहां आते हैं। परंतु उन्हें रेफर कर दिया जाता है। ताजबर ¨सह भंडारी, सचिव गणजेस्वर विकास समिति 12 जीओपीपी 3

फोटो 12 जीओपीपी 4

फोटो 12 जीओपीपी 5

फोटो 12 जीओपीपी 6

फोटो 12 जीओपीपी 7


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.