फोटो,,,,अलकनंदा में डाल रहे सड़क का मलबा
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: हरित प्राधिकरण और सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद भी बदरीना
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: हरित प्राधिकरण और सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद भी बदरीनाथ हाईवे पर चारधाम परियोजना के तहत हो रहे चौड़ीकरण कार्य का मलबा सीधे अलकनंदा में डाला जा रहा है। इससे जहां पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, वहीं गंगा भी उद्गम से प्रदूषित हो रही है। जिला मुख्यालय के अधिकारी सब कुछ देखने के बाद भी एनएच के ठेकेदारों को मलबा नदी में डालने से रोकने की जहमत नहीं उठा रहे है।
इन दिनों बदरीनाथ हाईवे पर चौड़ीकरण का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। चौड़ीकरण का काम कर्णप्रयाग से पीपलकोटी के बीच जगह-जगह चल रहा है। नंदप्रयाग व चमोली के बीच कुहेड़ के पास चौड़ीकरण कार्य के दौरान क¨टग का मलबा सीधे चट्टान पर फेंककर अलकंनदा नदी में जा रहा है, जबकि नियमानुसार इसे डं¨पग जोन में फेंका जाना चाहिए था। नदी में प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक मलबा जाने से पवित्र अलकनंदा भी प्रदूषित हो रही है। जिला मुख्यालय के पास होने के चलते यहां से रोजाना अधिकारी भी गुजर रहे हैं। सब कुछ देखते हुए भी इसे रोकने के लिए कोई आगे नहीं आया है। हरित प्राधिकरण ने चौड़ीकरण के कार्य को मलबे का निस्तारण डं¨पग जोन में सुरक्षित किए जाने की शर्त के अनुसार दिया है। वहीं न्यायालय ने भी हाईवे पर चौड़ीकरण कार्य पर फिलहाल रोक लगा रखी है, परंतु न्यायालय के आदेशों की भी अनदेखी की जा रही है। एनएचआइडीसीएल के डीजीएम आरपी मिश्रा का कहना है कि हाईवे चौड़ीकरण के दौरान मलबा डं¨पग जोन पर सुरक्षित रखा जाना है। अगर कहीं ऐसा हो रहा है, तो इसे तत्काल रोककर कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने कहा कि चौड़ीकरण के कार्य में पर्यावरण मानकों को हर हालत में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर कहीं पर पर्यावरण मानकों की अनदेखी होगी, तो कार्रवाई की जाएगी।
¨चतित हैं पर्यावरणविद
पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट का कहना है कि पर्यावरण मानकों की अनदेखी खतरनाक है। उन्होंने कहा कि चमोली जिले में हाईवे चौड़ीकरण के लिए रातोंरात तीन हजार से अधिक पेड़ काट दिए गए। अगर पर्यावरण मानकों की अनदेखी हुई, तो हिमालय के पर्यावरण के लिए यह बड़ा खतरा होगा। उन्होंने कहा कि सड़क आम जनजीवन की आवश्यकता है, लेकिन सड़क के कार्य पर क¨टग के दौरान मलबा सुरक्षित स्थान पर रखने के साथ पहाड़ी क¨टग के क्षेत्र में भूस्खलन की रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाकर ही आगे बढ़ा जाना चाहिए।