दामिनी ने गेट में पाई 85 वीं रैंक
संवाद सहयोगी गोपेश्वर उत्तराखंड की होनहार बेटी दामिनी ने ऑल इंडिया गेट एक्जाम में 85 वां
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: उत्तराखंड की होनहार बेटी दामिनी ने ऑल इंडिया गेट एक्जाम में 85 वां रैंक हासिल किया है। मूल रूप से चमोली जनपद मैठाणा गांव की निवासी दामिनी मैठाणी ने गेट 2019 की परीक्षा में देशभर से हजारों की संख्या में शामिल छात्रों में 85 वां रैंक हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। दामिनी की प्रारंभिक पढ़ाई मैठाणा गांव व गोपेश्वर से हुई है। बीएससी स्नातक गोपेश्वर महाविद्यालय से करने के बाद गोविद बल्लभ पंत कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय से एमएससी माइक्रोबायोलॉजी की डिग्री प्राप्त की। वर्तमान में दामिनी पंतनगर विश्वविद्यालय से ही माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी कर रही हैं। पीएचडी के साथ-साथ उसने गेट की भी तैयारी की और अब देशभर में इस प्रतिष्ठित एक्जाम में 85 वां रैंक हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा लिया है। दामिनी अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता पिता अनिल मैठाणी व रश्मि मैठाणी व गुरुजनों को देती हैं। दूरभाष पर दामिनी ने कहा कि अगर बच्चा लगन से पढ़े और सही मार्गदर्शन मिले तो उपलब्धि खाते में आ ही जाती है। दामिनी का कहना है कि मां बाप हमेशा बच्चों की उच्च शिक्षा को प्रेरित कर उन्हें हर सुविधाएं मुहैया कराकर घर से बाहर पढ़ने के लिए भेजते हैं। आवश्यकता इस बात की है कि बच्चे भी परिजनों की उम्मीदों पर खरा उतरें। दामिनी ने हाईस्कूल व इंटर गुरु रामराय पब्लिक स्कूल गोपेश्वर से किया तथा इसमें भी वह अव्वल रहीं हैं। दामिनी के पिता अनिल मैठाणी अधिवक्ता हैं तथा मां रश्मि मैठाणी गुरु रामराय इंटर कॉलेज गोपेश्वर में शिक्षिका हैं। बेटी के गेट परीक्षा में मेरिट में आने पर उन्होंने खुशी जताई। गोपेश्वर के विवेकानंद कॉलोनी में रह रहे मैठाणी परिवार में खुशियों का माहौल है। इस दौरान उन्होंने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया है। दामिनी के पिता अनिल मैठाणी का कहना है कि दामिनी में पढ़ाई को लेकर जुनून है। वह जब भी घर बात करती है तो घर के हालचाल पूछने के बाद सिर्फ शिक्षा को लेकर ही चर्चा करती है। उनका कहना है कि गेट में सफलता की जानकारी पंतनगर विवि से दामिनी ने ही उनको दूरभाष पर दी। दामिनी के चाचा शशिभूषण मैठाणी का कहना है कि पहाड़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। सिर्फ सही मार्गदर्शन की उन्हें जरूरत है। कहा कि दामिनी का सपना था कि वह हायर एजुकेशन में महारथ हासिल कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में काम करे।