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आपदा से चमोली जिले में 6385 लाख की परिसंपत्तियों को नुकसान

बीते दिनों हुई बारिश से चमोली जिले में 6385 लाख की परिसंपत्तियों का नुकसान हुआ है। बारिश और आपदा से फसलों को जोशीमठ में सर्वाधिक 97.96 और गैरसैंण में सबसे कम 0.85 लाख का नुकसान पहुंचा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 05:40 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 05:40 PM (IST)
आपदा से चमोली जिले में 6385 लाख की परिसंपत्तियों को नुकसान
आपदा से चमोली जिले में 6385 लाख की परिसंपत्तियों को नुकसान

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: बीते दिनों हुई बारिश से चमोली जिले में 6385 लाख की परिसंपत्तियों का नुकसान हुआ है। बारिश और आपदा से फसलों को जोशीमठ में सर्वाधिक 97.96 और गैरसैंण में सबसे कम 0.85 लाख का नुकसान पहुंचा है।

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जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि बीते दिनों हुई बारिश के बाद आई आपदा के नुकसान का आकलन कर लिया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा से लोक निर्माण विभाग की 125 सड़कें और आठ पुलों को क्षति पहुंची है, जिसकी अनुमानित लागत 2547.52 लाख है। पीएमजेएसवाई की 83 सड़कें क्षतिग्रस्त होने से 2547.15 लाख का नुकसान हुआ है। बताया कि जिले में लोक निर्माण विभाग की बंद 125 में से 92 और पीएमजेएसवाई की बंद 83 में से 40 सड़कें सुचारु कर दी गई हैं। जिले में 450 विद्युत पोल, 10 ट्रांसफार्मर और 92 किलोमीटर लंबी लाइन प्रभावित हुई है, जिससे 205 लाख का नुकसान हुआ है। नारायणबगड़ में दो भवन क्षतिग्रस्त, एक महिला की मृत्यु और दो व्यक्ति लापता हुए। थराली में पांच भवन क्षतिग्रस्त, जोशीमठ में चार व्यक्ति घायल और दो पशुहानि हुई। घाट में चार भवन क्षतिग्रस्त और तीन पशुहानि हुई। गैरसैंण में भी तीन पशुहानि हुई। आपदा मद से सात पुल-पुलिया निर्माण के लिए 41.08 लाख, आपदा न्यूनीकरण के तहत स्वीकृत 16 योजनाओं के लिए 93.94 लाख विभागों को अवमुक्त कर दिए गए हैं।

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अतिवृष्टि की भेट चढ़ी भूमि और फसलें

जोशीमठ: बारिश से तपोवन क्षेत्र में भी व्यापक नुकसान हुआ है। यहां कृषि भूमि और नकदी फसलें अतिवृष्टि की भेंट चढ़ गई। इसके अलावा आवासीय भवनों को भी नुकसान पहुंचा है। तपोवन ग्राम पंचायत के सकिनधार तोक में परमानंद पंत का नौ कमरों का मकान खतरे की जद में आ गया है। मकान के आगे की दीवारें भूस्खलन से ढह गई हैं। यही स्थिति नीति घाटी के दर्जनों गांवों की है, लेकिन सड़क संपर्क ध्वस्त होने के कारण सर्वेक्षण टीमें प्रभावित गांवों तक नहीं पहुंच पा रही है।


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