गोसदन तैयार, गोमाता घूम रही सड़कों पर
संवाद सूत्र कर्णप्रयाग निकाय गठन के पांच दशक बाद कर्णप्रयाग पालिका कर्णप्रयाग में आवारा घूम
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: निकाय गठन के पांच दशक बाद कर्णप्रयाग पालिका कर्णप्रयाग में आवारा घूमने वाले गोवंशीय पशुओं के लिए तैयार गोसदन का संचालन बुनियादी सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ने लगा है।
दरअसल बीते वर्ष स्थानीय प्रशासन के निर्देश पर आनन-फानन पालिका प्रशासन ने कर्णप्रयाग-नैनीसैंण मोटर मार्ग पर आइटीआइ वार्ड के समीप भूमि चयन कर 20 लाख रुपये की लागत से टिनशैड का हॉल निर्माण कर गोसदन निर्माण कार्य पूरा किया। बकायदा 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर तत्कालीन उपजिलाधिकारी जीआर बिनवाल ने इसका उद्घाटन कर यहां 20 आवारा घूमने वाले गोवंशीय पशुओं को रखे जाने की व्यवस्था भी की गई लेकिन एक माह के भीतर दिसंबर व जनवरी की कड़ाके की ठंड में आधा दर्जन पशुओं ने अज्ञात बीमारी के चलते दम तोड़ दिया। ठंड से बचाव को पालिका ने टिनशैड को प्लास्टिक लगाकर बचाव के प्रयास किए लेकिन इसका कोई लाभ नहीं मिला। लोकजागृति संस्था सचिव जितेन्द्र कुमार ने बताया कि अक्टूबर में तैयार गोसदन में पालिका आज तक पेयजल की व्यवस्था नहीं कर सकी है, जिससे नियमित सफाई सहित मवेशियों के लिए समुचित पेयजल तक उपलब्ध नहीं है।
पालिका के अधिशासी अधिकारी आरएस राणा ने बताया कि तैयार गोसदन में स्थल की कमी के चलते घूमने वाले सभी पशुओं को नहीं रखा जा सकता और शासन से गोसदन विस्तारीकरण के लिए 10 लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई है। इससे अतिरिक्त कक्ष का निर्माण किया जाएगा।