मैं तो प्रेम दीवानी.भजन सुन भावविभोर हुए दर्शक
संवाद सूत्र कर्णप्रयाग स्वयंभू सोशल फाउंडेशन की ओर से आयोजित किए जा रहे चार दिवसीय सं
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग
स्वयंभू सोशल फाउंडेशन की ओर से आयोजित किए जा रहे चार दिवसीय संगीत समारोह के दूसरे दिन राजस्थान से आए गायक लक्ष्मण द्वारिका व तारा सिंह डोडवे ने कबीर गायकी व सुफियाना भजनों से श्रोताओं को भावविभोर किया। सांस्कृतिक संध्या में गायकों ने मनमोहक स्वर-लहरियों से माहौल को भक्तिमयी बना दिया।
शनिवार को राजकीय महाविद्यालय परिसर में आयोजित संगीत संध्या में राजस्थान की माटी की की खुशबू महकी। वाद्ययंत्रों की थाप पर गायक लक्ष्मण द्वारिका व तारा सिंह डोडवे ने कबीर गायकी व सुफियाना भजनों के जरिये माया मोह में फंसे मनुष्यों को हरि भजन में ध्यान लगाने का आह्वान किया। इस दौरान कलाकारों ने राजस्थानी शैली में मीराबाई का भजन ऐ री मैं तो प्रेम दीवानी मेरा दर्द.मन लागो मेरा यार फकीरी में.जरा हल्के गाड़ी हांको मेरे राम.थोड़ा-थोड़ा सब दु:खी कोई तन से तो कोई मन से दु:खी.आदि सूफियाना व कबीर के भावपूर्ण भजनों से संगीत की मोहक छटा बिखेरी। इस मौके पर स्वयूं सोशल फाउंडेशन के संस्थापक प्रदीप मोहंती ने कहा कि लोकगायन के साथ शास्त्रीय संगीत व वाद्ययंत्रों की जानकारी युवा वर्ग को हो इसके लिए पहली बार क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित कर स्थानीय लोक गायकों के साथ ही देश के विभिन्न प्रांतों से कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। जिससे श्रोताओं को संगीत के विषय में रोचक जानकारी मिल सके। कहा संगीत से मन एकाग्र होता है। विशेषकर शास्त्रीय शैली का संगीत मन को सुकून देता है। इस मौके पर रतूड़ा गांव से पहुंची शिवालय मंदिर की साध्वी कैलाश गिरी ने कार्यक्रम में मौजूद विशिष्ट अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट किए।
इस अवसर पर एआर बहुगुणा, पालिका सभासद विनोद पुरोहित, चिंतामणि सेमवाल, एपी हटवाल, कांती प्रसाद डिमरी सहित कर्णप्रयाग महाविद्यालय के शिक्षक व संगीत प्रेमी मौजूद रहे।