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चीन सीमा पर चौकियों के निरीक्षण के बाद थल सेनाध्यक्ष पिथौरागढ़ के लिए रवाना

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने गुरुवार को जोशीमठ से पिथौरागढ़ के लिए रवाना हो गए। इन दिनों में उन्‍होंने चमोली जिले के माणा के पास लगी चीन सीमा की अग्र‍िम चौकियों का हवाई निरीक्षण जोशीमठ में सैन्‍य अधिकारियों से मुलाकात के साथ सीमा की स्थिति की जानकारी भी ली।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 06:07 PM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 06:07 PM (IST)
चीन सीमा पर चौकियों के निरीक्षण के बाद थल सेनाध्यक्ष पिथौरागढ़ के लिए रवाना
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने गुरुवार को जोशीमठ से पिथौरागढ़ के लिए रवाना हो गए।

गोपेश्वर (चमोली),जेएनएन। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने गुरुवार को जोशीमठ से पिथौरागढ़ के लिए रवाना हो गए। इन दिनों में उन्‍होंने चमोली जिले के माणा के पास लगी चीन सीमा की अग्र‍िम चौकियों का हवाई निरीक्षण, जोशीमठ में सैन्‍य अधिकारियों से मुलाकात के साथ सीमा की स्थिति की जानकारी भी ली। 

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बीते बुधवार को वह सेना प्रमुख जनरल नरवाने माणा पास से लगी सीमा चौकियों के हवाई निरीक्षण के लिए चले थे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, उन्‍होंने ने चीन सीमा से लगी भारत की अग्रिम चौकियों नीती पास और रिमखिम का भी निरीक्षण भी किया। थलसेनाध्यक्ष के दौरे को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई भी कुछ नहीं बोल रहा है। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव के बाद उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में सेना पूरी तरह मुस्तैद है। सेना और आइटीबीपी के साथ-साथ वायुसेना भी अलर्ट पर है। सुरक्षा की तैयारियों के बीच वायु सेना उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में अपना एडवांस लैंडिंग ग्राउंड भी मजबूत करने जा रही है। 

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सीमांत  क्षेत्र का यह  दौरा विशेष 

उत्तराखंड के चमोली जिला का सीमांत क्षेत्र काफी संवेदनशील है। वर्ष 2014 से 2018 तक जिले की मलारी घाटी में स्थित बाड़ाहोती में 10 बार चीनी सैनिक घुसपैठ की कोशिश चुके हैं। हालांकि, हर बार चीनियों के मंसूबों को भारतीय सेना के जवानों ने नाकाम किया। भारत-चीन के बीच उत्तराखंड में 345 किमी लंबी सीमा है। पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी जिले के सीमावर्ती क्षेत्र चीन सीमा से सटे हैं। सीमांत क्षेत्र की स्थिति जानने के लिए थलसेनाध्‍यक्ष का यह दौरान विशेष माना जा रहा है। 

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