चारधाम में यात्री सुविधाएं जुटाना बड़ी चुनौती
प्रदेश के लोगो एक जुलाई से यात्रा की अनुमति के बाद भी व्यापारी व होटल-धर्मशाला संचालक असमंजस में हैं।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: सरकार ने भले ही एक जुलाई से राज्य के लोगों को चारधाम यात्रा की अनुमति प्रदान कर दी हो, लेकिन अभी भी चारधाम रूट के व्यापारी और होटल-धर्मशाला संचालक असमंजस में हैं। यहां तक कि सड़क से सीधे जुड़े बदरीनाथ धाम तक में अभी भी न कोई होटल खुला है, न धर्मशाला ही। हालांकि, प्रशासन यात्रा शुरू होने से पहले सभी मूलभूत सुविधाएं सुचारु करने के दावे कर रहा है।
बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खोले गए थे, तब से धाम में नियमित पूजा-अर्चना हो रही है। लेकिन, कोरोना संक्रमण के चलते 30 जून तक यहां सिर्फ बामणी व माणा गांव के अलावा नगर पंचायत क्षेत्र बदरीनाथ के लोगों को ही दर्शनों की अनुमति है। हालांकि, अब सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों के लोगों को बदरीनाथ जाने की अनुमति प्रदान कर दी है। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए दर्शनार्थियों की संख्या पहले की तरह 1200 ही रखी गई है। बावजूद इसके बदरीनाथ तो छोड़िए, बदरीनाथ हाइवे पर स्थित होटल-रेस्टोरेंट भी अभी तक पूरी तरह नहीं खुल पाए हैं। ऐसी स्थिति में अगर यात्री बदरीनाथ आएंगे तो क्या खाएंगे और कहां रहेंगे, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
दरअसल, मानसून सीजन में यात्रा शुरू होने से स्थानीय कारोबारियों को फायदा कम और नुकसान ज्यादा नजर आ रहा है। क्योंकि, जुलाई-अगस्त में बारिश के चलते हाइवे बार-बार बंद होते रहते हैं। ऐसे में इस दौरान यात्रियों की संख्या भी नाममात्र की ही रह जाती है। यही वजह है कि होटल व्यवसायी सरकार के इस निर्णय से खुश नहीं हैं। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता कहते हैं कि यात्रा सुचारु करने से पूर्व प्रशासन को स्थानीय व्यापारी, हक-हकूकधारी व स्थानीय लोगों से बातचीत कर यात्री सुविधाएं बहाल करनी चाहिए। हालांकि, एसडीएम जोशीमठ अनिल चन्याल कहते हैं कि यात्रा को लेकर सरकार की गाइडलाइन के अनुसार इंतजाम किए जाएंगे।