चमोली को मनरेगा रोजगार देने में मिला पहला स्थान
मनरेगा के संचालन में चमोली जिले ने उत्तराखंड राज्य में पहला स्थान हासिल किया गया है।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: मनरेगा के संचालन में चमोली जिले ने उत्तराखंड राज्य में पहला स्थान हासिल किया है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में बागवानी, उद्यानीकरण, चैकडैम, तालाब, सिचाई नहर, कृषि एवं अन्य निर्माण कार्यों में लक्ष्य से अधिक कार्य करते हुए मनरेगा श्रमिकों को रोजगार देने का काम किया।
मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में जनपद चमोली में 72677 जाब कार्ड धारक परिवारों के सापेक्ष 58949 परिवारों को रोजगार दिया गया, जो पूरे प्रदेश में सर्वाधिक 81.11 प्रतिशत है। इसके साथ ही जनपद में 23.28 लाख मानव दिवस सृजन किए जाने के लक्ष्य के सापेक्ष जनपद में श्रमिकों को उनकी मांग पर 25.96 लाख मानव दिवस रोजगार सृजन कर 111.47 प्रतिशत पूíत के साथ प्रदेश में रोजगार सृजन करने के परिप्रेक्ष्य में पहला स्थान हासिल किया गया है।
पिछले वित्तीय वर्ष की तर्ज चालू वित्तीय वर्ष में भी मनेरगा कार्य संचालित है। अब तक 23821 पंजीकृत परिवारों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया जा चुका है। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते बडी संख्या में जनपद के प्रवासी अपने घर गांव लौटे है। ऐसे में इन लोगों पर भी विशेष फोकस किया जा रहा है। जिले में अब तक 957 प्रवासियों को मनरेगा योजना के अंतर्गत पंजीकृत कर उनके मांग के आधार पर मनरेगा के तहत कार्य दिया जा चुका है। कार्य की मांग करने वाले जिन प्रवासी परिवारों के पास जॉब कार्ड उपलब्ध नही थे ऐसे 474 परिवारों को नए जाब कार्ड भी जारी किए गए है। विदित हो कि केन्द्र सरकार ने मनरेगा मजदूरी 182 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 201 रुपया कर दी है। इससे श्रमिकों को अच्छी आजीविका भी मिल रही है।
जिले में संचालित मनरेगा कार्यों को पूरा करने के लिए मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडं क्षेत्र भ्रमण कर कार्यों का निरीक्षण भी किया है। मुख्य विकास अधिकारी ने कर्णप्रयाग विकासखंड के देवलीबगड में संचालित विभिन्न कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया गया।