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विद्यापीठ डिम्मर को हस्तांतरित करने के मामले ने पकड़ा तूल

श्री बद्रीश कीर्ति संस्कृत महाविद्यालय विद्यापीठ डिम्मर को महाविद्यालय की प्रबंध कार्यकारिणी समिति के तत्कालीन बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति को हस्तांतरित करने का मामला तूल पकड़ने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 05:12 AM (IST)
विद्यापीठ डिम्मर को हस्तांतरित करने के मामले ने पकड़ा तूल
विद्यापीठ डिम्मर को हस्तांतरित करने के मामले ने पकड़ा तूल

संवाद सूत्र, सिमली: श्री बद्रीश कीर्ति संस्कृत महाविद्यालय विद्यापीठ डिम्मर को महाविद्यालय की प्रबंध कार्यकारिणी समिति के तत्कालीन बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति को हस्तांतरित करने का मामला तूल पकड़ने लगा है।

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गुपचुप तरीके से प्रबंधकारिणी के चंद पदाधिकारियों ने आनन-फानन महाविद्यालय विद्यापीठ को तत्कालीन मंदिर समिति को हस्तांतरित कर दिया था। इससे भूमि दानदाताओं व आम व्यक्तियों में भारी आक्रोश है। 1910 में डिम्मर उमट्टा डिमरी धार्मिक पंचायत ने संस्कृत शिक्षा के उन्नयन के लिए डिम्मर में संस्कृत विद्यालय की नींव डाली थी। कक्षा छह से आचार्य तक की शिक्षा प्रदान करने वाले इस महाविद्यालय से लंबे अंतराल में हजारों शिक्षार्थियों ने शिक्षा ग्रहण की। यहां इस बात का उल्लेख करना भी जरूरी है कि डिम्मर श्री बदरीनाथ धाम के पुजारी समुदाय डिमरियों का मूल ग्राम है। विद्यालय की नींव डालते समय गांव के भूमिधरों ने करीब 42 नाली भूमि विद्यालय के निर्माण के लिए दान दी थी। डिम्मर उमट्टा डिमरी पंचायत के पूर्व सरपंच व डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के संरक्षक बसंत लाल डिमरी ने प्रबंधकारिणी के सदस्यों द्वारा भूमि दानदाताओं व पंचायत की सहमति के बगैर महाविद्यालय को हस्तांतरित करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पंचायत से कार्रवाई की मांग की है।

डिमर उमट्टा डिमरी पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी ने कहा कि श्री बद्रीश कीर्ति संस्कृत महाविद्यालय डिम्मर के संबंध में भूमि दानदाताओं व डिम्मर उमट्टा के आम व्यक्तियों की भावना का सम्मान करते हुए निर्णय लिया जा रहा है। अध्यक्ष ने इस बात पर भी हैरानी जताई है कि पंचायत द्वारा स्थापित संस्कृत महाविद्यालय को पंचायत की सहमति के बगैर प्रबंधकारिणी ने जल्दबाजी में तत्कालीन मंदिर समिति को हस्तांतरित किया। पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि वह इस विषय को लेकर चार धाम देवस्थानम बोर्ड के उच्च अधिकारियों से बातचीत कर चुके हैं। कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत गाइडलाइन के अनुसार पंचायत की आम बैठक होना संभव नहीं है लेकिन स्थिति अनुकूल होते ही आम बैठक बुलाकर सभी के समक्ष इस विषय को रखा जाएगा। चारधाम देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी व तत्कालीन बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की पूर्व मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने कहा कि पंचायत के आग्रह पर इस विषय पर बोर्ड में विचार किया जाएगा।


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