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चमोली में तैनाती स्थल पर न जाने वाले डॉक्‍टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज

कोरोना महामारी के इस दौर में भी स्थानांतरण के बाद भी तैनाती स्थल पर नहीं जाने वाले चिकित्सक के खिलाफ प्रशासन के आदेश पर जोशीमठ कोतवाली में एफआइआर दर्ज की गई।

By Edited By: Published: Wed, 22 Apr 2020 05:23 PM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2020 11:50 AM (IST)
चमोली में तैनाती स्थल पर न जाने वाले डॉक्‍टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज

गोपेश्वर, जेएनएन। कोरोना महामारी के इस दौर में भी स्थानांतरण के बाद भी तैनाती स्थल पर नहीं जाने वाले चिकित्सक के खिलाफ प्रशासन के आदेश पर जोशीमठ कोतवाली में एफआइआर दर्ज की गई।

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोशीमठ में तैनात चिकित्सक डॉ. संजय कुमार गुप्ता का स्थानांतरण 23 मार्च को जोशीमठ से देवाल किया गया, लेकिन उन्होंने अभी तक अपना कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए डॉ. गुप्ता के खिलाफ घोर लापरवाही बरतने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा-188 के तहत एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. केके सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए जनपद स्तर पर 18 मार्च को आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में भी डॉ. संजय कुमार गुप्ता नदारद रहे। 

इससे पूर्व भी राजकीय, विभागीय व मासिक बैठकों में भी शामिल नहीं हुए। संतोषजनक जवाब न देने पर डॉ. गुप्ता को पहले ही विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि भी जारी की गई। कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत 19 मार्च को डॉ. गुप्ता को जोशीमठ में देश, विदेश से आए नागरिकों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए निर्देशित किया गया। लेकिन, डॉ. गुप्ता ने यहां पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

कोरोना महामारी के दृष्टिगत जनपद की व्यवस्था में डॉ. संजय कुमार गुप्ता को जोशीमठ से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैनबिष्ट देवाल स्थानांतरित किया गया। सीएमओ ने बताया कि कोरोना संकट की इस मुश्किल घड़ी में भी सौंपे गए कार्यों एवं दायित्वों का निर्वहन न किए जाने और अभी तक नवीन तैनाती स्थल पर अपना योगदान न देने, उच्चधिकारियों की आदेशों की लगातार अवहेलना करने पर डॉ. गुप्ता के खिलाफ आपदा एफआइआर दर्ज की गई है। वहीं दूसरी ओर डॉ. संजय कुमार गुप्ता से से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया। लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।

ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने पर बांडेड डॉक्टरों की कटेगी आरसी

बांड की सेवा शर्तों का उल्लंघन कर ड्यूटी से गायब चल रहे श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किए 51 डॉक्टरों पर अब कठोर कार्रवाई की तलवार लटक गयी है। बांडेड डॉक्टर यदि दो हफ्ते के अंदर ड्यूटी ज्वाइन या फिर बांड की शर्त के अनुसार अनुबंध की धनराशि जमा नहीं करेंगे तो डॉक्टरों से अनुबंध की धनराशि ब्याज सहित वसूली जाएगी। जिसके लिए संबंधित जिलाधिकारी के माध्यम से वसूली प्रमाणपत्र (आरसी) भी कटेगी।

बांड की सेवा शर्त के अनुसार बहुत कम राजकीय शुल्क पर एमबीबीएस करने वाले छात्रों को डॉक्टर बनने पर पांच साल तक पहाड़ के सुदूरवर्ती अस्पतालों में कार्य करना है। अन्यथा उन्हें अनुबंध में उल्लेखित धनराशि का भुगतान करना होगा। जो लगभग 30 लाख रुपये होती है। 

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श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से 2008 से लेकर 2013 बैच तक के ऐसे 51 बांडेड डॉक्टर हैं जो स्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा दी गयी तैनाती के बाद अपने ड्यूटी स्थल से गायब चल रहे हैं। चिकित्सा शिक्षा निदेशक द्वारा इस संबंध में ऐसे अनुपस्थित अनुबंधित डॉक्टरों के खिलाफ तुरंत कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के साथ ही हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज को भी दे दिए गए हैं।

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