भाजपा की हार पर उठे सवाल
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चमोली के जिला पंचायत सदन में कांग्रेस की जीत से जहां पार्टी कार्यकर्ता
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चमोली के जिला पंचायत सदन में कांग्रेस की जीत से जहां पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित हैं, वहीं भाजपाइयों में घमासान मच गया है। पार्टी समर्थित प्रत्याशी की इस हार पर भाजपा सरकार और संगठन की रणनीति पर भी सवाल उठ रहे हैं। उधर, कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी की जीत से जिला पंचायत उपाध्यक्ष लखपत बुटोला का राजनीतिक कद बढ़ गया है।
चमोली जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के उपचुनाव में 26 सदस्यों ने मतदान किया। कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी रमावती देवी केवल दो मतों से जीती, जबकि दो मत निरस्त हुए। बताते हैं कि जो दो मत निरस्त हुए, उसमें पहले भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया गया था, लेकिन फिर उसे काट दिया गया। मतगणना के समय मतपत्र में कटिंग होने के कारण इसे निरस्त कर दिया गया। निरस्त मत किसके थे, इस बारे में कोई कुछ नहीं बोल रहा है, हालांकि भाजपाई इसे पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का परिणाम बता रहे हैं।
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष विनोद कपरवाण ने कहा कि केंद्र व राज्य में सरकार के बाद भी जिला पंचायत सदन भाजपा के हाथ से निकल जाना आश्चर्यजनक है। उन्होंने इस हार के लिए कार्यकर्ताओं की उपेक्षा को जिम्मेदार ठहराया है। कहा कि भाजपा में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के चलते मनोबल गिरा हुआ है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस राज्य की सत्ता में थी, तब चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कार्यकर्ताओं की मेहनत से भाजपा की उम्मीदवार मुन्नी देवी विजयी हुई थी। विधायक बनने के बाद इस्तीफे से खाली इस सीट पर भाजपा के प्रत्याशी की हार पर संगठन व सरकार को विचार करना चाहिए। उधर, कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी की इस जीत से जिला पंचायत उपाध्यक्ष लखपत बुटोला का कद बढ़ गया है। बुटोला के हाथ में ही उपचुनाव की कमान थी।
गोद में बैठाकर मतदान के लिए लाए जिला पंचायत सदस्य को
भेंटी वार्ड से जिला पंचायत सदस्य गुड्डू लाल को कार्यकर्ता गोद में उठाकर मतदान स्थल तक ले गए। असल में जिला पंचायत सदस्य गुड्डू लाल लंबे समय से कमर दर्द की बीमारी से ग्रसित हैं। मतदान के लिए वह जिला पंचायत परिसर के बाहर तक वाहन में आए। यहां से मतदान स्थल तक समर्थक उन्हें गोद में बैठाकर ले गए।