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70 प्रजाति के पक्षियों के संसार से रूबरू हुए प्रशिक्षु

सीपी भट्टं पर्यावरण एवं विकास केंद्र व केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग की ओर से चार दिवसीय बर्ड वाचिग कार्यक्रम में 40 प्रशिक्षुओं ने चोपता मंडल के जंगलों में 70 से अधिक प्रजाति के पक्षियों का दीदार किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 09:56 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 09:56 PM (IST)
70 प्रजाति के पक्षियों के संसार से रूबरू हुए प्रशिक्षु
70 प्रजाति के पक्षियों के संसार से रूबरू हुए प्रशिक्षु

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: सीपी भट्टं पर्यावरण एवं विकास केंद्र व केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग की ओर से चार दिवसीय बर्ड वाचिग कार्यक्रम में 40 प्रशिक्षुओं ने चोपता मंडल के जंगलों में 70 से अधिक प्रजाति के पक्षियों का दीदार किया। साथ ही उनकी गतिविधियों से रूबरू भी हुए।

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सर्वोदय केंद्र गोपेश्वर में आयोजित समापन कर्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि चमोली जनपद प्राकृतिक सुंदरता के साथ वन्यजीव और पक्षियों की विविधता के लिए अपनी अलग पहचान रखता है। समय के साथ इसके जरिये रोजगार के बेहतर साधन तैयार किए जा सकते हैं। केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग और सीपी भट्ट पर्यावरण विकास केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय बर्ड वाचिग कार्यक्रम में प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले युवाओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किए।

इस दौरान प्रशिक्षणार्थियों ने दुर्लभ पक्षी आर्किड से जुड़ी जानकारी भी प्राप्त की। मंडल में केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के उप वन संरक्षक अमित कंवर ने केदारनाथ अभयारण्य की पक्षियों से जुड़े अनुभव बांटे। केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग की गोपेश्वर रेंज की रेंजर आरती मैठाणी ने समापन अवसर पर प्रभाग की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। श्रीदेव सुमन विश्वविधालय गोपेश्वर कैंपस के भूगर्भ विभाग के विभागध्यक्ष डॉ. अरविंद भट्ट ने इस तरह के कार्यक्रमों को क्षेत्र के लिए मील का पत्थर बताया।

दशोली ग्राम स्वराज्य संघ के अध्यक्ष मुरारी लाल ने वन विभाग और जिला प्रशासन के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। समापन समारोह में प्रशिक्षणार्थी रक्षिता शाह और राहुल बिष्ट ने चार दिन के अपने अनुभवों को साझा किया। प्रशिक्षण के मुख्य गाइड रहे हरीश मैठाणी ने कहा कि अभयारण्य के आसपास के निवासियों को इस कार्य से जोड़ने से आजीविका और संरक्षण दोनों लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। कार्यक्रम में प्रशिक्षक प्रभात बिष्ट, ओमप्रकाश आदि ने भी विचार व्यक्त किए ।


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