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भूमियाल देव की घोड़े की सवारी रही आकर्षण का केंद्र

संवाद सूत्र नारायणबगड़ श्री सिद्धपीठ राजराजेश्वरी गिरिजा भवानी चोपता कौथिग में नवमी पर्व पर अ

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 11:09 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 06:18 AM (IST)
भूमियाल देव की घोड़े की सवारी रही आकर्षण का केंद्र

संवाद सूत्र , नारायणबगड़: श्री सिद्धपीठ राजराजेश्वरी गिरिजा भवानी चोपता कौथिग में नवमी पर्व पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से माता के दर्शन को भक्तों की भीड़ रही। मेले में माता के स्वरूप की झांकी निकाली गई, जिसे देखने भारी संख्या में लोग पहुंचे।

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चमोली जिले की कड़ाकोट पट्टी में चल रहे चोपता मेले में दिनभर देवी-देवताओं के पश्वा अवतरित हुए , उन्होंने श्रद्धालुओं, ध्याणियों को आशीर्वाद दिया। इस दौरान बुडेरा राजा की सेना व देवताओं के पश्वा के बीच युद्ध का ²श्य देखते ही बना। देवताओं ने बुडेरा राजा को पराजित किया। गांव की ओर से माता के स्वरूप की झांकी निकाली गई। माता की सवारी खासा आकर्षण का केंद्र रही, भक्तों ने माता का फूलों से स्वागत किया।

पंडित लीलानंद सती ने बताया कि पुराणों में वर्णन है कि जब महिषासुर का आतंक बढ़ गया तो तब देवों ने आदिशक्ति की आराधना की।

इस मौके पर मंदिर कमेटी अध्यक्ष अवतार सिंह सिनवाल, पूर्व कनिष्ठ प्रमुख दलवीर सिंह रावत, सरोप सिंह सिनवाल, प्रधान पृथ्वी सिंह नेगी, जमन सिंह रावत, जयवीर सिंह रावत, भगवत सिंह रावत, जगमोहन सिंह, सुरजीत नेगी, लक्ष्मण, सुनील रावत, दिगम्बर सिंह रावत, मनमोहन सिंह, आशीष नेगी, बालम सिंह, रणजीत सिंह रावत आदि मौजूद थे।


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