मानसून से पहले लोनिवि ने कसी कमर
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: मानसून आने में भले ही बेरुखी कर रहा हो लेकिन लोनिवि ने सुरक्षित व स
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: मानसून आने में भले ही बेरुखी कर रहा हो लेकिन लोनिवि ने सुरक्षित व सुचारू यातायात संचालन के लिए अभी से कमर कस ली है। जनपद चमोली अंतर्गत आने वाले सभी सड़कों पर सुगम यातायात संचालन के लिए विभाग ने संवदेनशील व अतिसंवेदनशील स्थलों का चिह्नीकरण कर लिया है।
लोनिवि के अधीक्षण अभियंता जीसी आर्य ने बताया कि मानसून सत्र में भारी बारिश के चलते मार्ग बाधित होने की दशा में कार्यालयों को तहसील के कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है जिससे मार्ग बंद होने की सूचना अविलंब विभागीय अधिकारियों को मिल सके। जनपद के सुचारू स्थायी व अस्थायी 14 हैलीपेड का प्रयोग वैकल्पिक रूप में हो सके इसके लिए व्यापक तैयारियां जिला प्रशासन के निर्देश पर की जानी है। गौरतलब है भारी बारिश के चलते अधिकांशत: देवाल, थराली, नारायणबगड़, पोखरी, गौचर, कर्णप्रयाग के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों के मोटर मार्ग हल्की बारिश में सुरक्षा दीवारों के न बनने व स्कवर निर्माण न होने से बाधित हो जाते हैं। वर्तमान में लोनिवि के अधीन सबसे खराब स्थिति सोनला-कंडारा-मैखुरा, धारडुंग्री-कनखुल-मैखुरा, बगोली-कोटी, चूलागबनी, डिम्मर-सैंण, बडेथ-पिंडवाली, सेमी-मासो, बरसाली आदि मोटर मार्गो की बनी है।
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32 संवेदनशील स्थल चिह्नित
अधिकारियों की माने तो जनपद चमोली में लोनिवि के अधीन 1819 किमी. सड़क आती है। जिनमें जनपद मुख्यालय चमोली, जोशीमठ सहित कर्णप्रयाग, गौचर, पोखरी, गैरसैंण, थराली डिवीजन के तहत 11 मार्गो के 32 संवेदनशील स्थल जबकि पांच मोटर मार्गो के 14 अतिसंवेदनशील स्थलों को चिन्हित किया गया है। यातायात सुचारू करने के लिए संबधित डिवीजनों के सहायक व अवर अभियंताओं को सर्तक रहने के साथ अपने मोबाइल फोन खुला रखने को कहा गया है।