आइसोलेशन मोड में संचालित होगी बदरीनाथ परियोजना
संवाद सहयोगी गोपेश्वर श्री बदरीनाथ धाम समेत देश के अंतिम गांव माणा में बोल्टेज अप करने के ि
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: श्री बदरीनाथ धाम समेत देश के अंतिम गांव माणा में बोल्टेज अप करने के लिए वर्ष 2005 में बनी 1250 किलोवाट की श्रीबदरीनाथ जल विद्युत परियोजना को आइसोलेशन मोड में संचालित करने की कार्रवाई शुरू हो गई है। तकरीबन 80 लाख की लागत से उरेडा विभाग से इस परियोजना की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है। विभाग ने दावा किया है कि जल्द ही परियोजना को आइसोलेशन मोड में संचालित कर दिया जाएगा।
श्री बदरीनाथ धाम में अभी तक ऊर्जा निगम की हाईटेंशन लाइन से ही बिजली की सप्लाई होती है। हाइ एटीटयूट में होने के कारण हाईटेंशन लाइन पर करंट की गति को बढ़ाने तथा वोल्टेज हाइ करने के लिए वर्ष 2005 उत्तराखंड जल विद्युत निगम से बदरीनाथ धाम में इस परियोजना को चालू किया गया था। वर्ष 2013 में यह परियोजना उरेड़ा विभाग को हस्तांतरित की गई। अब उरेड़ा विभाग द्वारा इस परियोजना को आइसोलेशन मोड पर चलाया जाएगा। आइसोलेशन मोड में परियोजना संचालित होने के बाद यदि बदरीनाथ धाम में ऊर्जा निगम की विद्युत लाईन से बिजली बंद हुई तब भी पूरे धाम को यह परियोजना जगमग कर सकती है। उरेडा के परियोजना अधिकारी युद्धवीर सिंह बिष्ट ने बताया कि इस परियोजना पर दो टरबाइनें चेंज की जानी है। इसके अलावा कंट्रोल पैनल व मशीनों की ओवर हालिग का कार्य भी किया जाना है। उन्होंने बताया कि आइसोलेशन मोड पर इस परियोजना को संचालित करने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है। बदरीनाथ धाम व माणा गांव को कुल 2.5 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है। वर्तमान समय में 1.2 मेगावाट बिजली का ही उत्पादन परियोजना के माध्यम से हो रहा है।