Badrinath Dham में शून्य से नीचे पहुंचा पारा, जम गए झरने और कल-कल बहने वाली नदियां, तस्वीरों में देखें
Uttarakhand River and waterfall frozen पहाड़ों में लगातार ठंड बढ़ती जा रही है। कहीं नदी-नाले-झरने जम गए हैं तो कहीं जमने की कगार पर हैं। आने वाले दिनों में पहाड़ों व उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ठंड और ज्यादा बढ़ने की संभावना है।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : Uttarakhand River and waterfall frozen : उत्तराखंड में सुबह और शाम कड़ाके की सर्दी पड़ने लगी है। वहीं पहाड़ी इलाकों में कहीं-कहीं शून्य के नीचे तापमान पहुंच रहा है।
पहाड़ों में लगातार ठंड बढ़ती जा रही है। कहीं नदी-नाले-झरने जम गए हैं तो कहीं जमने की कगार पर हैं। बदरीनाथ धाम के निकट बहने वाली ऋषि गंगा भी कड़ाके की ठंड के बीच जमने लगी है। यहां झरने और पानी की बूंदें भी जम रही हैं।
19 नवंबर 2022 को बंद किए जा चुके हैं बदरीनाथ धाम के कपाट
शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर 2022 को बंद किए जा चुके हैं। वहीं 12 साधु-संतों शीतकाल में बदरीनाथ धाम में निवास कर रहे हैं। ये साधु-संत धाम में तपस्या करने के लिए रुके हुए हैं। धाम में इन दिनों उत्तराखंड पुलिस के जवान, बीकेटीसी के कर्मचारियों के साथ मास्टर प्लान के कार्य करने वाली कार्यदाई संस्थाओं के मजदूर भी कार्य कर रहे हैं।
शून्य से भी नीचे पहुंच रहा तापमान
बदरीनाथ धाम में सुबह और शाम के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। हालांकि दोपहर में धूप खिलने के बाद थोड़ी राहत जरूर मिल रही है, लेकिन सुबह और शाम बदरीनाथ धाम में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। यहां तापमान शून्य से भी नीचे पहुंच रहा है, जिससे यहां पानी भी जम रहा है।
नीति घाटी में भी इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है
धाम की सुरक्षा में तैनात उत्तराखंड पुलिस के जवानों का कहना है कि नलों में पानी भी जम जा रहा है। वहीं बदरीनाथ धाम ही नहीं बल्कि नीति घाटी में भी इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। आने वाले दिनों में पहाड़ों व उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ठंड और ज्यादा बढ़ने की संभावना है।
दिसंबर से मई माह तक बर्फ से ढका रहता है बदरीनाथ धाम
पहाड़ों में लगातार ठंड बढ़ने से सबसे बड़ी दिक्कत पानी जमने की हो रही है, इस कारण लोगों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि दिसंबर से मई माह तक बदरीनाथ धाम बर्फ की सफेद चादर से ढका रहता है। धाम से हनुमान चट्टी तक बर्फ की मोटी परत जम जाती है।
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