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बदरीनाथ यात्रा के लिए प्रशासन ने शुरू की तैयारियां

आठ जून से चारधाम यात्रा शुरू किए जाने को लेकर भले ही अभी असमंजस है लेकिन प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 10:05 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 06:20 AM (IST)
बदरीनाथ यात्रा के लिए प्रशासन ने शुरू की तैयारियां
बदरीनाथ यात्रा के लिए प्रशासन ने शुरू की तैयारियां

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: आठ जून से चारधाम यात्रा शुरू किए जाने को लेकर भले ही अभी असमंजस हो, लेकिन प्रशासन के स्तर से यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसी कड़ी में बदरीनाथ मंदिर में यात्रा दर्शन लाइन पर गोले बनाए जा रहे हैं। ताकि श्रद्धालु दर्शनों के दौरान शारीरिक दूरी के मानकों का पालन कर सकें। उधर, केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू करने को लेकर फिलहाल कोई तैयारियां नहीं हो रही। गंगोत्री-यमुनोत्री में भी अभी असमंजस की स्थिति है।

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लॉकडाउन में मिली छूट के बाद आठ जून से चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर प्रदेश सरकार रायशुमारी कर रही है। हालांकि, स्थानीय लोग, हक-हकूकधारी, तीर्थ पुरोहित, पंडा पंचायत व होटल व्यवसायी इसके लिए तैयार नहीं हैं। खासकर होटल-धर्मशाला संचालकों में भय है कि यात्रा शुरू करने से चारों धाम कोरोना संक्रमण की चपेट में आ जाएंगे। बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल तो पहले ही मुख्यमंत्री को यात्रा स्थगित रखने का सुझाव दे चुके हैं। उधर, एसडीएम जोशीमठ अनिल चन्याल का कहना है नगर पंचायत यात्रा तैयारियों में जुटी है। इसके तहत धाम में यात्रा पथ पर शारीरिक दूरी के मानकों के अनुसार गोले बनाए जा रहे हैं। नर पर्वत पर होटल-धर्मशालाओं में पेयजल व्यवस्था सहित अन्य सुविधाएं सुचारु की जा रही हैं। हालांकि, यात्रा को लेकर अंतिम निर्णय शासन स्तर पर ही होना है।

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माणा-बामणी के ग्रामीण बता रहे खतरनाक कदम

बामणी और देश के अंतिम गांव माणा के ग्रामीण भी फिलहाल बदरीनाथ यात्रा शुरू करने के पक्ष में नहीं हैं। माणा के प्रधान पीतांबर मोलफा का कहना है यात्रा शुरू होने से धाम में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। माणा के लोगों ने स्वयं गत 25 मई से बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर रोक लगाई हुई है। बामणी निवासी बलदेव मेहता ने भी यात्रा शुरू करने को खतरनाक कदम बताया है।

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केदारनाथ यात्रा को लेकर कोई तैयारी नहीं

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में यात्रा को लेकर फिलहाल कोई सुगबुगाहट नहीं है। मंदिर के पुजारी समेत तीर्थ पुरोहितों को उम्मीद है कि सरकार अभी यात्रा शुरू करने की अनुमति नहीं देगी। दरअसल, केदारनाथ पैदल मार्ग और धाम में अभी दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान व यात्री निवास बंद हैं। यात्रा शुरू करने के लिए इन्हें खोला जाना जरूरी है, ताकि यात्रियों के रहने-खाने की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके। केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग कहते हैं कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए अभी यात्रा शुरू करना समझदारी नहीं है। फिर बरसात भी नजदीक है, जिससे दिक्कतें और बढ़ सकती हैं। वयोवृद्ध तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती कहते हैं कि व्यवस्थाएं जुटाए बिना यात्रा शुरू कैसे की जा सकती है। चारधाम देवस्थानम बोर्ड के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी भी मानते हैं कि धाम में यात्रा के लिए अभी तैयारियां नहीं की गई हैं। हालांकि, सरकार यदि यात्रा शुरू कराती है तो तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएंगी। यात्रियों को केंद्रीय गाइडलाइन के अनुसार ही दर्शन कराए जाएंगे।

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कैसे होगा शारीरिक दूरी के नियमों का पालन

उत्तरकाशी: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित भी आठ जून से यात्रा शुरू करने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं को टीका लगाने के साथ प्रसाद भी देना पड़ेगा। ऐसे में शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कैसे हो सकता है। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि आठ जून को चारधाम हक-हकूक महापंचायत इस पर विचार करेगी। रही शासन-प्रशासन के दिशा-निर्देशों की बात तो दोनों धाम में अभी तक कोई अधिकारी भी नहीं पहुंचा है। दर्शनों को लेकर भी कोई निर्देश नहीं मिले हैं।


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