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बदरीनाथ हाइवे पर बने हैं 50 फीट ऊंचे हिमखंड, बीआरओ के लिए बड़ी चुनौती

भारी बर्फबारी से बदरीनाथ मार्ग पर हनुमानचट्टी से बदरीनाथ के बीच लगभग दो दर्जन हिमखंड बने हुए हैं। इन्हें काटकर हाइवे को सुचारु करना बीआरओ के लिए चुनौती बना है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 02:03 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 08:43 PM (IST)
बदरीनाथ हाइवे पर बने हैं 50 फीट ऊंचे हिमखंड, बीआरओ के लिए बड़ी चुनौती

गोपेश्वर, देवेंद्र रावत। शीतकाल में हो रही भारी बर्फबारी से बदरीनाथ मार्ग पर हनुमानचट्टी से बदरीनाथ के बीच लगभग दो दर्जन हिमखंड बने हुए हैं। इन्हें काटकर हाइवे को सुचारु करना बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। हालांकि, बीआरओ की चार जेसीबी मशीन और 25 मजदूर हाइवे से बर्फ हटाने के काम में जुटे हुए हैं। 

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हनुमानचट्टी से बदरीनाथ के बीच 11 किमी क्षेत्र में बदरीनाथ हाइवे पर दस फीट से अधिक बर्फ जमी हुई है, जबकि रड़ांग बैंड, कंचन गंगा, घुड़सिल व पागल नाला क्षेत्र में 20 से अधिक भारी-भरकम हिमखंड हाइवे का रास्ता रोके हुए हैं। 50 फीट से अधिक ऊंचे ये हिमखंड पहाड़ी से अलकनंदा नदी तक पसरे हुए हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अभी भी मौसम का मिजाज बदला हुआ है और आए दिन बर्फबारी हो जा रही है।

ऐसे में हाइवे से बर्फ हटाकर उसे आवाजाही के लिए सुचारू बनाने में बीआरओ के पसीने छूट रहे हैं। हालांकि, बीआरओ ने बर्फ हटाने के लिए हाइवे पर चार जेसीबी मशीनें और 25 मजदूर लगाए हुए हैं। लेकिन, बार-बार हिमखंडों के टूटने और मौसम के खराब होने से कार्य लगातार बाधित हो रहा है। बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 30 अप्रैल को ग्रीष्मकाल के लिए खोले जाने हैं। 

सीमा सड़क संगठन के कमांडर मनीष कपिल का कहना है कि हनुमानचट्टी से आगे बदरीनाथ हाइवे को खोलने का काम लगातार जारी है। जिस गति से बीआरओ के कर्मचारी कार्य कर रहे हैं, उससे हाइवे के बदरीनाथ तक जल्द सुचारु होने की उम्मीद है।

बर्फबारी की मार झेल रहे कई गांव  

चमोली जिले में 40 गांव एक हफ्ते बाद भी बर्फबारी के कारण अलग-थलग पड़े हुए हैं। बर्फबारी के चलते जोशीमठ विकास खंड के हनुमानचट्टी क्षेत्र में बाधित हुई बिजली आपूर्ति 50 दिन बाद भी सुचारु नहीं हो सकी है, जिससे ग्रामीण परेशान हैं।

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चमोली जिले में बर्फबारी का असर अभी भी देखने को मिल रहा है। हालांकि दो दिनों से मौसम सामान्य हो गया है। परंतु जिले में 40 गांव अभी भी बर्फबारी से प्रभावित हैं। इनमें जोशीमठ के 23, चमोली के चार, थराली के 11 तथा घाट विकासखंड के दो गांव शामिल हैं। बर्फबारी क्षतिग्रस्त हुई बेनाकुली हनुमानचट्टी क्षेत्र की बिजली आपूर्ति पचास दिन से ज्यादा समय बीतने के बाद भी सुचारु नहीं हो पाई है।

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यह क्षेत्र उच्च हिमालयी क्षेत्र में है और ऐसे में बिजली न होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बर्फबारी से प्रभावित गोपेश्वर चोपता कुंड हाईवे अभी भी बंद पड़ा है। पर्यटक मंडल से आगे तक वाहन के जरिये पहुंच रहे हैं। मगर चोपता और मंडल के बीच मोटर मार्ग बर्फबारी से बाधित होने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि जनपद में सभी सड़कें सुचारू हैं। गोपेश्वर चोपता हाईवे से बर्फ हटाने का कार्य चल रहा है। 

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