सेना जुटी हेमकुंड साहिब मार्ग से हिमखंड हटाने में
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: गंगोत्री-यमुनोत्री और बदरी-केदार के कपाट खुलने के बाद अब श्री हेमकुंड साहिब
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: गंगोत्री-यमुनोत्री और बदरी-केदार के कपाट खुलने के बाद अब श्री हेमकुंड साहिब व लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। हेमकुंड साहिब तक पैदल मार्ग बनाने के लिए बर्फ हटाने के काम में सेना के जवान जुट गए हैं। श्री हेमकुंड साहिब व लक्ष्मण मंदिर के कपाट इस वर्ष एक जून को खुलने हैं।
हेमकुंड साहिब तक पैदल यात्रा गोविंदघाट से शुरू होती है। 19 किमी की यह पैदल यात्रा न केवल रोमांचकारी है साथ ही नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में पैदल यात्रा कर प्रकृति के रंग बिरंगे नजारों को नजदीक से देखकर यात्री कभी न भुलाने वाली यादों को यहां से ले जाकर जाता है। शीतकाल में हुई भारी बर्फबारी का असर हेमकुंडयात्रा मार्ग पर भी देखने को मिल रहा है। हेमकुंड यात्रा के बेस कैंप घांघरिया में जहां हिमखंडों के टूटने से दुकानें क्षतिग्रस्त हुई है उनकी मरम्मत में भवन स्वामी जुट गए हैं। 418 इंजीनियरिंग ग्रुप सेना व कुमाऊं रेजीमेंट के 34 जवान घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक पैदल मार्ग से बर्फ हटाने के काम में जुट चुके हैं। सेना के जवानों ने घांघरिया से दो किमी आगे तक पैदल मार्ग सुचारु कर भी दिया गया है। अब हेमकुंड साहिब तक तीन किमी बर्फ हटाने का काम होना बाकी है। पैदल मार्ग से बर्फ हटाने के काम का नेतृत्व कर रहे सेना के हवलदार गुरुप्रीत सिंह का कहना है कि वे समय पर हेमकुंड साहिब तक पैदल मार्ग सुचारु कर देंगे। दूसरी ओर गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह का कहना है कि यात्रा की तैयारियों को लेकर घांघरिया व गोविंदघाट में व्यवस्थाएं सुचारु कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस बार जिस प्रकार देश के कोने कोने से श्रद्धालु हेमकुंड साहिब की यात्रा को लेकर जानकारियां ले रहे हैं उससे यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या खासी बढ़ोत्तरी की उम्मीद है।