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एक और नाबालिग बेटी की शादी रुकवाई

बागेश्वर जिले में वन स्टाप सेंटर की सजगता से गरुड़ तहसील के एक राजस्व क्षेत्र के गांव में गई बरात बिना दुल्हन के लौट आयी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 11:01 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 11:01 PM (IST)
एक और नाबालिग बेटी की शादी रुकवाई
एक और नाबालिग बेटी की शादी रुकवाई

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : वन स्टाप सेंटर की सजगता से गरुड़ तहसील के एक राजस्व क्षेत्र गांव गई बरात बिना दुल्हन के बैरंग लौट गई। बाल विकास की टीम ने मौके पर जाकर नाबालिग के परिजनों को समझाया। जिसके बाद परिजन मान गए और उनके बालिग होने पर ही बेटी की शादी करने का निर्णय लिया।

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शुक्रवार को बाल विकास विभाग के वन स्टाप सेंटर को एक गांव में एक नाबालिग का विवाह होने की सूचना मिली। टीम गांव के लिए रवाना हुई और कौसानी थानाध्यक्ष निधि शर्मा से मुलाकात की। वहां से पुलिस टीम को लेकर वह गांव पहुंचे। वहां बरात पहुंच गई थी और बराती चाय पी रहे थे। दुल्हन के यहां दूलीअर्घ की तैयारी चल रही थी। पुलिस टीम को देखकर वहां अफरातफरी मच गई।

वन स्टाप की टीम के लीडर षष्टी कांडपाल ने बताया कि एक गांव में नाबालिग लड़की की शादी हो रही थी। परिवार के लोग बारात का स्वागत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि शादी रुकवा दी गयी और टीम ने वर और वधु पक्ष को बुलाकर समझाया कि नाबालिग की शादी कराना कानूनन अपराध है। इसे नहीं करने की हिदायत थी। इसके बाद परिवार के लोगों ने बालिग होने तक शादी नहीं करने पर सहमति जताई।

इधर, बाल विकास अधिकारी राजेंद्र बिष्ट ने कहा कि प्रगतिशील समाज के लोग यदि इस तरह कानून को अपने हाथ में लेते हैं तो भविष्य में सख्त कार्रवाई भी होगी। इस मौके पर अधिवक्ता अंजू पांडेय, केस काउंसलर जया पांडेय, एमएसके से महिला कल्याण अधिकारी चंद्रकला राज, जिला समन्वयक दीप्ती धपोला और मनीषा जोशी शामिल आदि मौजूद थे।


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