ग्रामीणों ने किया बहिष्कार, कर्मियों ने किया मतदान
जागरण संवाददाता बागेश्वर भले ही बाछम गांव के ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया लेकिन
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : भले ही बाछम गांव के ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया, लेकिन निर्वाचन आयोग ने यहां पर अपने ही चुनाव कर्मियों से मतदान करवा दिया। इसके बाद बागेश्वर जिले में किसी भी गांव में मतदान के बहिष्कार वाला गांव चुनाव आयोग के रिकार्ड में दर्ज नहीं मिलेगा। चुनाव आयोग की इस कार्रवाई से ग्रामीण भी मायूस हैं।
इस बार लोकसभा चुनाव के मतदान के दिन कपकोट ब्लॉक के दूरस्थ गांव बाछम के ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया कर दिया था। यहां पर दो बूथ बनाए गए थे राजकीय प्राथमिक विद्यालय बाछम व राजकीय प्राथमिक विद्यालय उलुमा। बाछम में 496 व उलुमा में 332 मतदाता थे। बाछम ग्राम पंचायत में कुल 828 मतदाता थे। मतदान के दिन सात बजे से पांच बजे तक किसी भी ग्रामीण ने मतदान नहीं किया। ग्रामीणों के इस बहिष्कार पर चुनाव आयोग ने पानी फेर दिया, लेकिन चुनाव आयोग के निर्देश थे कि प्रत्येक गांव में मतदान कराना सुनिश्चित करें। कही भी मतदान का बहिष्कार नहीं होना चाहिए। इसे देखते हुए चुनाव आयोग भी तैयार था। गांव वालों ने तो वोट नहीं दिया लेकिन चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों ने यहां पर मतदान कर दिया। इलेक्शन ड्यूटी कार्ड के जरिए यहां पर कर्मचारियों ने वोट किया। प्राथमिक विद्यालय उलुमा में 0.60 प्रतिशत कुल 3 मत व बाछम में 1.51 प्रतिशत कुल 5 मत डाले गए। मतदान होने से गांव के लोग मायूस है। बाछम गांव के प्रधान आनंद राम ने बताया कि ग्रामीणों ने तो पूर्ण बहिष्कार किया है। इसके बाद कोई वोट करे उसकी मान्यता नहीं है। सरकार को उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से सुनकर समाधान करना चाहिए।
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बाछम ग्राम पंचायत में दो मतदान केंद्र बनाए गए थे। इडीसी के जरिए यहां पर 8 मत पड़े। चुनाव में लगे कर्मियों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
-विनोद सिंह वल्दिया, सेक्टर मजिस्ट्रेट