रेफर सेंटर बना बागेश्वर का जिला अस्पताल
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल में एक बेड का बर्न वार्ड है। लेकिन हाल यह
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल में एक बेड का बर्न वार्ड है। लेकिन हाल यह है कि सुविधाओं के अभाव में आग से झुलसे मरीजों को अक्सर रेफर कर दिया जाता है।
जिला मुख्यालय स्थित बर्न वार्ड में मरीजों के लिए केवल एक बेड है। वार्ड में एसी और पंखा लगा हुआ हैं। झुलसे मरीज के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है। उसके लिए सुरक्षा जाली भी अस्पताल में मौजूद नहीं हैं। जले हुए मरीज को अक्सर खुले में ही रखा जाता हैं। अगर कोई गंभीर मरीज हो तो उसे रेफर ही कर दिया जाता हैं। अगर एक से अधिक ऐसे मरीज अस्पताल पहुंच गए तो उनके लिए अस्पताल में किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं हैं। आग से झुलसे मरीजों का इलाज अस्पताल में मौजूद सर्जन ही करते हैं।
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बर्न वार्ड का हाल
- मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल में बर्न वार्ड बना हुआ हैं।
- कोई भी प्लास्टिक सर्जन नहीं है।
- महीने में दो या तीन झुलसे मरीज आते हैं।
-दिवाली के समय हादसा हो जाए तो बर्न वार्ड में केवल एक व्यक्ति का ही इलाज हो सकता है।
- बाजार में फिलहाल इको फ्रैंडली पटाखे नहीं दिखाई हैं।
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आग से जलने पर क्या करें
- ठंडे पानी से जले हुए स्थान को धो लें
- बर्फ की सिकाई करें
- छालों को फोड़े नहीं
- ज्यादा दर्द व नुकसान होने पर डाक्टर से परामर्श लें। -डॉ. राजीव उपाध्याय, सर्जन, जिला अस्पताल
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जिला अस्पताल में बर्न वार्ड बना हुआ हैं। अगर ज्यादा लोग झुलसे आ गए तो फिर वार्ड में ही उनका इलाज होता है। अस्पताल में बर्न वार्ड होना आवश्यक हैं। लेकिन कितने बेड होने चाहिए इसके कोई मानक नहीं हैं।
-डॉ. अब्बास, प्रभारी सीएमएस, जिला अस्पताल
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दस बजे तक ही पटाखे जलाए जाएं इसको लेकर सभी संबंधित विभागों को निर्देशित कर दिया गया है। लोगों को भी जागरुक किया जा रहा है। अगर इसके बाद भी कोई नियम तोड़ेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
-रंजना राजगुरु, जिलाधिकारी बागेश्वर