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बच्चों ने फौजी के मुंह सुनी बार्डर की कहानी

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : राजकीय प्राथमिक विद्यालय घिघरुतोला में शीतकालीन अवकाश पर तीन दि

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 05:26 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 05:26 PM (IST)
बच्चों ने फौजी के मुंह सुनी बार्डर की कहानी
बच्चों ने फौजी के मुंह सुनी बार्डर की कहानी

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : राजकीय प्राथमिक विद्यालय घिघरुतोला में शीतकालीन अवकाश पर तीन दिवसीय ¨वटर कैंप आयोजित किया गया। बच्चों ने री¨डग कंपटीशन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और कुमाऊंनी वाद्ययंत्रों का अभ्यास किया। अवकाश पर आए फौजी सूबेदार यशवंत ¨सह ने बच्चों को बार्डर की कहानी सुनाई और उन्हें गणवेश वितरित किए।

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प्रधानाध्यापक जगदीश दफौटी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रोजेक्टर के जरिए अंग्रेजी वार्तालाप के एनिमेटेट स्टोरी व अन्य कहानियां देखी। सीजन व सोलर सिस्टम पर कविता बच्चों को पंसद आई। तीन दिवसीय कैंप में बच्चों ने स्वैच्छिक उपस्थिति थी। री¨डग प्रतियोगिता में करिश्मा, र्हिषत, कृष्णा, हिमांशु, कहानी में मानस, दीपक, राजन, हिमानी, करन, चंदन और अर्जुन अव्वल रहे। इस दौरान बच्चों द्वारा लोकवाद्य हुड़का, ढोलक, बांसूरी का अभ्यास किया गया। समापन पर 8 कुमाऊँ में तैनात सूबेदार यशवंत ¨सह मेहता और प्रधानाध्यापक जगदीश दफौटी के संयुक्त सहयोग से बच्चों को ब्लेजर वितरित किए गए। यसपंत ने बच्चों को बताया कि वे जम्मू एवं कश्मीर के राजोरी से 60 किमी दूर बद्दल वार्डर में तैनात हैं। जिसकी ऊंचाई 13000 फिट है। वे 26 महीने इस बर्फीले क्षेत्र में सुरक्षा के लिए रहते हैं। कहा कि बच्चों को लक्ष्य पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी है और जीवन को सफल बनाना है। पढ़ाई के साथ ही खेलों में भी प्रतिभाग करना है। इस मौके पर विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मनोज तिवारी आदि मौजूद थे।


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