दस संविदा कर्मियों की नौकरी पर लटकी तलवार
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिला पंचायत के दस संविदा कर्मियों की नौकरी पर तलवार लटक गई ह
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिला पंचायत के दस संविदा कर्मियों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। शासन ने जिला पंचायत को स्पष्ट आदेश भेजा है कि कर्मचारियों की तैनात आउटसोर्स से की जाए। ऐसे में करीब छह साल से तैनात कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। संविदा कर्मियों में शासन के आदेश के प्रति जर्बदस्त रोष है।
2013 में तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष विक्रम शाही ने स्थानीय दस बेरोजगार युवकों को संविदा पर जिला पंचायत के विभिन्न पदों पर तैनाती दी। जिसमें तीन कनिष्ठ सहायक, एक आशुलिपिक, एक कर समाहर्ता और पांच अनुसेवक शामिल हैं। जिला पंचायत ने कर्मचारियों को शासनादेश की जानकारी दे दी है, जिससे संविदा कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है।
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चार हजार रुपये में रखे गए
2013 में दस संविदा कर्मी चार हजार रुपये मासिक मानदेय में रखे गए। वर्तमान में सात और नौ हजार रुपये तक उनका मानदेय है। जिला पंचायत यह मानदेय हर माह कर वसूली से प्रदान कर रही है।
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तीन बार भेजा प्रस्ताव
जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने बताया कि संविदा कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिए तीन बार सदन में प्रस्ताव रखा गया था और उसे मंजूरी भी मिली, लेकिन शासन ने रोक लगा दी। संविदा कर्मी सभी बेरोजगार हैं और स्थानीय गांवों से हैं।
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प्रशासन काल में नहीं मिला मानदेय
15 अक्टूबर 2013 से 9 अगस्त 2014 तक संविदा पर तैनात कर्मचारियों को मानदेय आहरण नहीं हुआ जबकि उन्होंने इस दौरान काम किया।
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शासन से स्पष्ट आदेश जारी हुए है कि आउटसोर्स के जरिए कर्मचारियों को रखा जाए। पहले से रखे कर्मचारियों को इसकी जानकारी उन्हें दे दी गई है। जिला पंचायत के सदन में भी यह मामला रखा जाएगा।
-अरुण वर्थवाल, अपर मुख्य अधिकारी