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कठायतबाड़ा में गंदे पानी की सप्लाई, भड़के लोग

जागरण संवाददाता बागेश्वर पहली ही बारिश में नदी-नालों का पानी मटमैला हो गया। इसके चलते नल

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jun 2019 10:38 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jun 2019 06:39 AM (IST)
कठायतबाड़ा में गंदे पानी की सप्लाई, भड़के लोग
कठायतबाड़ा में गंदे पानी की सप्लाई, भड़के लोग

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : पहली ही बारिश में नदी-नालों का पानी मटमैला हो गया। इसके चलते नलों में भी गंदे पानी की सप्लाई हुई। मंगलवार को नगर के कई हिस्सों में दूषित पानी की आपूíत हुई। जबकि खरेही क्षेत्र में कई दिनों से पानी की आपूíत नहीं हो सकी है, जिससे स्टैंप पोस्ट शोपीस बने हैं। जलसंस्थान की कार्यप्रणाली पर लोगों ने सवाल किए हैं और साफ पानी की आपूíत की मांग की है। नगर और आसपास के गांवों में जखेड़ा पेयजल योजना और सरयू पंपिग योजना से पानी की आपूíत होती है। नदी में ज्यादा सिल्ट आने पर पुराने पंप से पानी की सफाई नहीं हो पाती है। नए फिल्टरेशन वेल से पानी तो साफ आता है लेकिन इस पंपिग योजना से अभी नगर के कुछ ही हिस्सों को पानी सप्लाई होती है। ऐसे में अधिकांश आबादी बरसात में दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। सोमवार को हुई बारिश से सरयू नदी सहित तमाम गधेरों में पानी के साथ मिट्टी भी बहकर आई। इससे सरयू नदी का पानी मटमैला हो गया। जिससे कठायतबाड़ा समेत तमाम इलाकों में मटमैला पानी की आपूíत हुई। जिससे उपभोक्ताओं में भारी रोष है। गीता देवी, आनंदी देवी, शिव दत्त, ईश्वर दत्त पांडे, पीतांबर दत्त पांडे, चंपा देवी आदि ने कहा कि मटमैला पानी आने से उन्हें प्राकृतिक स्त्रोतों का रुख करना पड़ रहा है। जबकि जलसंस्थान का वे भारी-भरकम बिल भर रहे हैं। ---------- खरेही में सप्ताह में एक दिन पानी खरेही क्षेत्र में सरयू नदी में बनी पंपिग योजना से सप्ताह में एक दिन पानी की आपूíत हो रही है। उपभोक्ताओं के अनुसार कई दिनों से नलों में पानी नहीं आया है। जिससे क्षेत्र में पीने के पानी की भारी किल्लत हो गई है। खांकर, जोशीगांव, डिनोला, भटखोला, विनसर, बंजा, सकिड़ा, भनारतोली, सिमस्यारी, बांजगांव आदि स्थानों पर स्टैंप पोस्ट शोपीस बन गए हैं। ----------- छोटी योजनाओं में फिल्टर नहीं गांवों के लिए बनी छोटी पेयजल योजनाओं के स्त्रोतों में फिल्टरेशन की व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्रों में भी दूषित पानी की आपूíत हुई। मंगलवार की सुबह के समय नल से मटमैला पानी आया। लोगों को दो किमी दूर धारे से पीने का पानी लाना पड़ा। ............. साफ पानी देने की पूरी कोशिश की जा रही है। अधिक गंदे पानी को फिल्टर साफ नहीं कर पाते हैं। जिससे मटमैला पानी कभी-कभार आपूíत हो जाता है। जलसंस्थान आईवेल के जरिए लोगों को साफ पानी दे रहा है। -एमके टम्टा, ईई, जलसंस्थान

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