छोटी संसद के गठन को लेकर सुस्त सरकारी मशीनरी
जागरण संवाददाता बागेश्वर छोटी संसद यानी ग्राम पंचायतों से लेकर जिला पंचायत तक के गठन को ल
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: छोटी संसद यानी ग्राम पंचायतों से लेकर जिला पंचायत तक के गठन को लेकर सरकारी मशीनरी की कार्यप्रणाली सुस्त ही दिखाई दे रही है। गांव के अधिकतर मतदाता बाहर दूसरे शहरों में निवास कर रहे है। चुनाव के दिन अगर वह आ जाते है तो मतदान ठीक रहेगा नहीं तो मत प्रतिशत काफी कम रहने की उम्मीद है। काम काज के दिन होने के कारण मतदाताओं के पास भी ज्यादा समय नहीं दिखाई दे रहा है।
पहले चरण का मतदान 5 अक्टूबर हो होगा। बागेश्वर ब्लॉक के 70331 मतदाता इस चुनाव में मतदान करेंगे, लेकिन गांवों के हालात कुछ अलग ही कहानी बयां कर रही है। अधिकतर मतदाता गांव में रहते ही नहीं है। वह अपने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा या मेहनत मजदूरी के लिए दूसरे शहरों में ही रह रहे है। बागेश्वर ब्लाक के अधिकतर मतदाता मुख्यालय में ही रहते है। कुछ ग्राम पंचायतों के तोकों के तो हाल ऐसे है कि वहां एक दो परिवार ही रह रहे है। गांव में कुछ ही मतदाता है। जो इस चुनावों में दिखाई दे रहे है। वह मतदाता भी खेतीबाड़ी में काफी व्यस्त है। ऐसे में पंचायत चुनावों में मत प्रतिशत बढ़ाना किसी चुनौती से कम भी नहीं है।
वैसे भी चुनाव आयोग की पंचायत चुनावों को लेकर ज्यादा उत्साहित नही दिख रहा है। चुनाव के दौरान आयोग की मशीनरी क्या कर रही इसकी जानकारी भी नहीं मिल रही। आचार संहिता आदि को लेकर भी कोई कुछ करता नहीं दिखाई दे रहा है। बस औपचारिकता ही पूरी की जा रही है। चुनाव आयोग का फोकस लोकसभा व विधानसभा चुनाव में ही ज्यादा दिखाई देता है। वह गतिशील भी इन्ही चुनावों में ज्यादा होता है।