बागेश्वर की सविता ने बेहतर नियोजन से दिलाया गांव को भरपूर पानी
घनश्याम जोशी बागेश्वर प्राकृतिक स्रोतों के बिना भी पहाड़ के गांव कैसे पानी के संकट से मुक्ति पा सकते हैं इसे नारायणगूंठ गांव की सविता के नियोजन से सीखा जा सकता है।
घनश्याम जोशी, बागेश्वर
प्राकृतिक स्रोतों के बिना भी पहाड़ के गांव कैसे पानी के संकट से मुक्ति पा सकते हैं, इसे नारायणगूंठ गांव की सविता नगरकोटी के नियोजन से समझा जा सकता है। एक समय पानी के लिए संघर्ष करने वाले ग्रामीणों को इस ग्राम प्रधान ने अपने दम पर सुकून से जीने का अवसर दिया। इसके अलावा समाज में व्याप्त कुरीतियों के उन्मूलन के लिए भी वह संघर्ष कर रही हैं।
गांव में प्राकृतिक पानी के स्त्रोत नहीं होने के बावजूद उनका गांव आज पेयजल के लिए आत्मनिर्भर बन गया है। अलबत्ता पौधारोपण कर वह जलसंरक्षण और संवर्धन के लिए आगे बढ़ रही हैं। कांडा तहसील के नारायणगूंठ निवासी सविता नगरकोटी 2003 से 2020 तक दो बार लगातार प्रधान रहीं। उनके गांव को बनी बद्रीनाथ-लेक्सूना पेयजल योजना का पानी कांडा पड़ाव, अस्पताल और विद्यालयों तक ही पहुंच पाता था। गांव के पेयजल स्त्रोत थे सूखने की कगार पर पहुंच गए। सविता ने कीमू, बांज, फल्यांट, क्वैराल, भिमल, अखरोट आदि पौधे स्थानीय गधेरों में रोपना शुरू किया। इसके अलावा देव मंदिर हरु-सैम, ग्वल देवता और पौराणिक मंदिरों में भी देवदार आदि के पौध लगाए। लगभग 500 पौधे वर्तमान में पेड़ बन गए। गधेरों में जलसंरक्षण की दिशा में बेहतर काम हुआ, लेकिन गांव के लिए पेयजल की सुविधा पूरी नहीं हो सकी। प्रधान रहते हुए सविता ने बद्रीनाथ-लेक्सूना पेयजल योजना के पुनर्गठन का बीड़ा उठाया और लगभग 3.50 लाख रुपये जिला योजना से प्राप्त किए। गांव की जनसंख्या लगभग 500 है। प्रत्येक छह से सात और आठ से दस परिवारों को एक स्टैंड पोस्ट से पानी की आपूíत हो रही है। ---------- अवैध कनेक्शन किए वैध सविता ने कांडा पड़ाव में अवैध पेयजल कनेक्शन के लिए जंग लड़ी। लोगों को उन्हें वैध करना पड़ा। इसके अलावा गांव के लिए अलग पानी की टंकी का निर्माण किया और नई पाइप लाइन बिछाई। सिचाई के लिए एक नहर बनाई, जिससे अलकन्या गांव तक के काश्तकारों को लाभ मिल रहा है। प्याज और लहसुन की फसल वर्तमान में लहलहा रही है। ---------- निर्मल ग्राम पंचायत का पुरस्कार सविता नगरकोटी को 2007 में निर्मल ग्राम पंचायत का पुरस्कार प्राप्त हुआ। 2016 में ब्लॉक स्तर पर उन्हें बेहतर काम के लिए सम्मानित किया गया। 2019 में महिलाओं के लिए उत्कृष्ट कार्य करने पर राज्य सरकार ने उन्हें सम्मान दिया। -वर्जन- हमारा क्षेत्र ऊंचाई पर है, जिससे यहां प्राकृतिक जलस्त्रोत नहीं हैं। बावजूद उनके गांव नारायणगूंठ में पेयजल की वर्तमान में कोई कमी नहीं है। विकलांग, विधवा, अनाथ, पीड़ति महिलाओं के साथ ही जल संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में काम कर रही हूं। -सविता नगरकोटी, नारायणगूंठ, कांडा।