पुंगर घाटी के किसानों ने श्रमदान कर स्वयं खोली बंद पड़ी नहर
बागेश्वर के पुंगर घाटी के किसानों ने श्रमदान कर स्वयं बंद पड़ी नहर हो खोल मिसाल पेश की।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: पुंगर घाटी के किसान अच्छी बारिश के लिए आसामान ताक रहे थे, लेकिन बादल के अलावा बारिश की बूंद नहीं गिरी। रविवार को क्षेत्र के ग्रामीण एकजुट हुए और बंद पड़ी नहर को खोल डाली। अब रबी की फसल बोवाई आसान होगी। उन्होंने सिचाई विभाग पर घाटी की उपेक्षा का आरोप लगाया है।
पुंगर नदी बारिश के समय पूरे उफान पर रहती है। जिसके चलते नहर क्षतिग्रस्त हो जाती है। इस साल भी नहर पूरी तरह क्षतिग्रस्त थी, किसानों ने कई बार सिचाई विभाग को नहर की मरम्मत की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी। पुंगर घाटी विकास मंच ने किसानों की बैठक आयोजित की और नहर को स्वयं खोलने का निर्णय लिया। पुंगर घाटी के विकास मंच के हरीश कालाकोटी ने बताया कि नहर से करीब दो एकड़ भूमि की सिचाई होती है। किसान रबी की फसल की बोवाई के लिए परेशान थे। रविवार को किसान एकजुट हुए और नहर को खोला गया है। उन्होंने विभाग पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया। ग्राम प्रधान भूपाल सिंह, सुरेश कालाकोटी, दीवान सिंह, जगदीश सिंह, उमेद सिंह, हिमांशु, नैन सिंह, विनोद सिंह, नंदन सिंह, चंदन सिंह, प्रेम सिंह आदि ने कहा कि विभाग को देखे रहने से फसल बोवाई का समय निकल रहा था और ग्रामीणों की एकजुटता से विभाग को आइना दिखाया है।