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पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाएगा जैविक शौचालय

बागेश्वर में नगरपालिका गंदे और बदबूदार सार्वजनिक शौचालयों से निजात दिलाने जा रहा है। इसके बदले में जैविक शौचालयों को लेकर प्रक्रिया चल रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 12:05 AM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 06:11 AM (IST)
पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाएगा जैविक शौचालय
पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाएगा जैविक शौचालय

चंद्रशेखर द्विवेदी, बागेश्वर : नगरपालिका गंदे और बदबूदार सार्वजनिक शौचालयों से निजात दिलाने के लिए जैविक शौचालयों (बॉयो ट्वॉयलेट) को जगह-जगह लगा रही है। इससे अब लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। पर्यावरण प्रदूषित होने से भी बचेगा।

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नगरपालिका क्षेत्र के पालिका के माध्यम से जैविक शौचालय लगाने का कार्य किया जा रहा है। च्वालादेव वार्ड के कलक्ट्रेट तिराहे के पास तीन जैविक शौचालय बनकर तैयार हो गए हैं। इसके अलावा पिडारी रोड पर चार सीटर शौचालय तैयार हो रहा है। इसके अलावा विभिन्न वार्डों में चार सीटर 8 जैविक शौचालय लगाने की योजना है। प्रयोग सफल हो जाता है तो धीरे-धीरे सभी सार्वजनिक शौचालयों को जैविक में बदल दिया जाएगा। एक जैविक शौचालय लगाने में 80 हजार रुपये का खर्चा आ रहा है।

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सूक्ष्म कीटाणु मल को गैस और पानी में बदलेंगे

जैविक शौचालयों में नीचे बॉयो डाइजेस्टर कंटेनर में एनेरोबिक बैक्टीरिया होते हैं, जो मल इत्यादि को सड़ने में मदद करते हैं। मल सड़ने के बाद केवल नाइट्रोजन गैस और पानी ही शेष बचता है। इसके बाद पानी को पुन: चक्रित (री-साइकिल) कर शौचालयों में इस्तेमाल किया जा सकता है। अभी तक सभी होटलों, मकानों, दुकानों में बने शौचालयों का प्रदूषित मल सीधे नदियों में जा रहा है, जिससे बीमारी तो बढ़ ही रही है नदियां भी प्रदूषित हो रही हैं।

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जैविक शौचालय के फायदे

पुरानी तरह के शौचालयों में मल को सीधे नदी, नालों में छोड़ दिया जाता था। इससे पर्यावरण को नुकसान होता था। अब यह नहीं होगा। फ्लश टॉयलेट को एक बार इस्तेमाल करने पर 10 से 15 लीटर पानी इस्तेमाल होता है, वहीं वैक्यूम पर आधारित जैविक शौचालय में एक फ्लश में करीब आधा लीटर पानी ही इस्तेमाल होता है। जैविक शौचालय बहुत सी बीमारियों को रोकने में मदद करेगा।

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उत्तरायणी मेले में लगेंगे जैविक शौचालय

उत्तरायणी मेले में हर साल मोबाइल शौचालय बाहरी जिले से आते थे। इसमें नगरपालिका का चार लाख रुपया तक खर्च आता था। अब इस बार नगरपालिका चार सीटर के 8 मोबाइल जैविक शौचालय खरीद रहा है। इसके बाद प्रदूषित मल के निस्तारण के साथ शौचालयों की समस्या का भी समाधान होगा। मेले के बाद भी यह शौचालय काम आएंगे।

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जैविक शौचालय सीधे पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाते हैं। यह पूरे नगरपालिका क्षेत्र में लगाए जाएंगे। - सुरेश खेतवाल, नगरपालिका अध्यक्ष, बागेश्वर


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