प्रत्येक न्याय पंचायत का एक गांव गरीबी से होगा मुक्त
दो साल में प्रत्येक न्याय पंचायत में एक गांव को विकसित करने का निर्णय लिया जाए।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: दो साल में प्रत्येक न्याय पंचायत में एक गांव को विकसित करने का निर्णय लिया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एक गांव को गरीबी से मुक्त करने खाका भी तैयार किया गया है। अधिकारी बैठक में तैयार रिपोर्ट के आधार पर काम करेंगे।
बुधवार को विकास खंड कपकोट में आयोजित मासिक बैठक की अध्यक्षता ब्लाक प्रमुख गोविद दानू ने की। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते तमाम युवा बेरोजगार हो गए हैं। वह गांव लौट रहे हैं और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट है। ऐसे में सरकार और अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। वैश्विक महामारी में बाहरी राज्यों से आए प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराना है। मनरेगा जॉब कार्ड बनाए जाएंगे। गांव में रोजगार करने के इच्छुक लोगों से आवेदन लिए जाएंगे। ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी इस पर ध्यान देंगे। ताकि ग्राम्य विकास विभाग रोजगार संवर्धन की योजना बना सकें। बैठक में निर्णय लिया गया कि दो साल में प्रत्येक न्याय पंचायत के एक गांव को विकसित किया जाएगा। विभागों से समन्वय बनाकर गरीबी मुक्त गांव की परिकल्पना को सच किया जाएगा। ग्राम विकास अधिकारी गांव चयनित करेंगे और कार्य योजनाएं बनाएंगे। मिशन अंत्योदय, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविकास मिशन, मनरेगा के तहत गांव का विकास होगा। विकास खंड परिसर में सुझाव व शिकायत पत्र-पेटिका लगेगी। गांव के विकास के सुझाव इस पेटी में डाले जाएंगे। अधिकारी फीड बैक लेकर बेहतर योजनाएं बनाएंगे। विकास खंड में फाइलों और कार्ययोजनाओं की जवाबदेही तय होगी। समय सीमा के तहत प्रमाण पत्र आदि काम होंगे। कोई भी व्यक्ति बार-बार ब्लाक का चक्कर नहीं काटेगा। बैठक में तय किया गया कि प्रवासियों की वापसी अधिक संख्या में हो रही है। जिसके लिए हेल्प डेस्क बनाया जाएगा। बैठक में बीडीओ गंगा गिरी गोस्वामी, गोकुल रावत, कैलाश जोशी, देवेंद्र पुरी, सुरेंद्र बिष्ट, विपिन उपाध्याय, ईला जोशी, देवेंद्र तिवारी, गौरव तिवारी, प्रकाश दानू, नरेंद्र कोश्यारी आदि मौजूद थे।