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शिव के आशीर्वाद के साथ शुरू होती है खड़ी होली

जागण संवाददाता, बागेश्वर: शिव के आशीर्वाद के साथ ही पहाड़ में खड़ी होली का आयोजन शुरू ह

By JagranEdited By: Wed, 14 Feb 2018 05:18 PM (IST)
शिव के आशीर्वाद के साथ शुरू होती है खड़ी होली
शिव के आशीर्वाद के साथ शुरू होती है खड़ी होली

जागण संवाददाता, बागेश्वर: शिव के आशीर्वाद के साथ ही पहाड़ में खड़ी होली का आयोजन शुरू हो गया है। महाशिवरात्रि से शुरू हुआ यह आयोजन अब होलिका दहन के दिन तक चलेगा।

बागनाथ मंदिर परिसर में 70 साल बाद सतराली की प्रसिद्ध खड़ी होली का आयोजन हुआ। दिन भर खड़ी होली का आयोजन हुआ जिसमें लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

पहाड़ में महाशिवरात्रि के दिन से खड़ी होली शुरू हो जाती है। दशकों से लोग बाबा के आशीर्वाद के लिए सरयू-गोमती संगम पर एकजुट होते थे। इसके बाद बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद लेकर खड़ी होली का आयोजन करते थे। लेकिन बीच में कुछ विवाद होने के कारण यह होली बंद हो गई थी। फिर से एक बार सतराली गांव के लोगों ने इस अछ्वुत लोक रंग को जीवित करने का बेड़ा उठा लिया है।

होल्यारों ने सिद्धि के दाता, विघ्न विनाशन, होली खेले गिरिजा पति नंदन। हां जी शंभो तुम क्यों नही खेलो होली लला। होली खेलत है कैलाश धनी.. आदि बोलों से सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। होल्यारों ने ढोलक, मजिरें की धुन पर खड़ी होली की रंगत बिखेरी।

सतराली की खड़ी होली का इतिहास काफी पुराना है। पहले 7 गावों के लोग पैदल ही 35 किमी दूर होली लेकर जाते थे। थापला, पैनर, चौपाता, लोहाना, सतराली, कांडे आदि के ग्रामीण महाशिवरात्रि को सरयू-गोमती संगम तट पर पहुंचते थे। यहां बागनाथ मंदिर परिसर होली गाते है। इनको सुनने के लिए दूर दराज के लोग पहुंचते थे। लेकिन बीते कुछइस बार काफी संख्या में लोग बागेश्वर पहुंचे हैं। भगवती प्रसाद कांडपाल, शेखर चंद्र कांडपाल, ललित मोहन कांडपाल, जगदीश पाठक, भुवन लोहनी, पंकज तिवारी, हेम चंद्र लोहनी, गोपाल जोशी आदि मौजूद थे।

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शिव के मन माही बसे काशी..

संवाद सूत्र, गरुड़: तहसील के भेटा गांव के होल्यारों ने महाशिवरात्रि पर्व पर प्रसिद्ध कपिलेश्वर शिवमंदिर में खड़ी होली गाई। इस मौके पर होल्यारों ने मंदिर में पूजा अर्चना कर क्षेत्र की खुशहाली के लिए मन्नत भी मांगी।

पौराणिक परंपरा के अनुसार महाशिवरात्रि पर्व पर प्रतिवर्ष भेटा गांव के लोहुमी लोग कपिलेश्वर मंदिर में जाकर खड़ी होली का गायन करते हैं। इस मौके पर शिवपदी होलियां गाई जाती हैं। मंगलवार को भेटा गांव के होल्यार वरिष्ठ डांगर नंदाबल्लभ लोहुमी के नेतृत्व में कपिलेश्वर मंदिर में पहुचे और खड़ी होली का गायन किया। होल्यारों ने शिव के मन माही बसे काशी, शिव सुमिरन जिन जाना, सोई नर ब्रह्म समाना, जटन विराजत गंग भोलेनाथ दिगंबर आदि होलियां गाई।

इस दौरान जनार्दन लोहुमी, मनोज लोहुमी, हेम चंद्र लोहुमी, पवन लोहुमी, शेखरानंद लोहुमी, कौस्तुबानन्द लोहुमी, चंद्रशेखर लोहुमी, दिनेश लोहुमी, कृपाल दत्त लोहुमी आदि मौजूद थे। इस मौके पर होल्यारों ने ढोलकी की थाप पर अनेक शिव भजन भी प्रस्तुत किए। उधर धैना गांव के शिव मंदिर में भी होल्यारों ने सिद्धि के दाता विघ्न विनाशन, होली खेले गिरजापति नंदन के साथ होली गायन किया। इस दौरान डांगर ख्याली दत्त तिवारी, नंदाबल्लभ तिवारी, सुरेश जोशी, बसन्त बल्लभ, दीप तिवारी, प्रकाश तिवारी आदि मौजूद थे